अनुच्छेद 35ए को लेकर राजधानी दिल्ली के नेहरू मेमोरियल हाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और जम्मू कश्मीर के पूर्व गवर्नर जगमोहन ने कहा कि 35ए पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर के लोग लिबर्टी की मांग करते हैं….लेकिन वो लिबर्टी स्थानीय लोगों को नहीं देना चाहते। वक्त आ गया है कि अब जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 35ए को हटा देना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीप धनकड़ ने कि जिस तरह से लोगों को ट्रिपल तलाक पर जागरुक किया जा रहा है इस तरह 35ए पर लोगों को जागरुक किए जाने की जरूरत है।
कार्यक्रम की शुरूआत में आर्टिकल 35ए पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई, फिल्म में बेहद प्रभावी तरीके से दिखाया गया कि जम्मू कश्मीर में 35ए के चलते लोगों को क्या मुश्किलें झेलनी पड़ रही है…कैसे जम्मू कश्मीर में परमानेंट रेजीडेंस सर्टिफिकेट नहीं मिलने से लाखों परिवार प्रभावित हुए हैं…और लोगों की जिंदगी तबाह हुई है..। इस फिल्म का निर्देशन कामाख्या नारायण सिंह ने किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री जवाहरलाल कौल ने कहा कि 35ए को लेकर देश में एक मुहिम चलाने की जरूरत है..जिससे लोगों को ये पता चल सके 35ए से जम्मू कश्मीर को एक तबके को लाभ और बड़ी आबादी कैसे अपने मौलिक अधिकारों से महरूम हैं।
वही कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के सिर्फ पांच से सात जिलों में हिंसक घटनाएं होती हैं लेकिन मीडिया ऐसे ख़बरे दिखाता है कि जैसे पूरे राज्य के हालात बहुत खराब है। इस मौके पर एनएमएमएल के डायरेक्टर रवि कुमार मिश्रा मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी और जम्मू-कश्मीर स्टडी सेंटर की तरफ से किया गया।