नई दिल्ली। राष्ट्रीय संविधान दिवस पर महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के लॉ स्कूल द्वारा’ दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया। एनडीएमसी कन्वेंशन में पुस्तक का लोकार्पण पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा किया गया।
संस्थान के महा निदेशक प्रो. एस के गर्ग ने स्वागत संबोधन में कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए अतिथियों और संस्थान का परिचय कराया।
अपने संबोधन में डॉ स्वामी ने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें इतना अच्छा संविधान मिला। उन्होंने कहा कि वर्तमान संदर्भों में लोकतंत्र को बनाए रखने में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान राष्ट्रवादी भारतीयों के लिए है।
पुस्तक के बारे में चर्चा करते हुए लेखक श्री एस. के. शर्मा ने बताया कि सही मायनों में दिल्ली को राज्य का दर्जा देने के लिए कभी संविधान सभा में चर्चा हुई ही नहीं। किसी न किसी तरह यह मामला टाला जाता रहा और आज भी दिल्ली को राज्य का दर्जा नहीं मिल पाया।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली विधान सभा के पूर्व उपाध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने कहा कि राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को जिस प्रकार पूरे देश के सभी समुदायों ने मन से स्वीकार किया, इससे यह सिद्ध हो जाता है कि हमारा संविधान कितनी मजबूत ज़मीन पर खड़ा है। लोकतंत्र हमारे देश के स्वभाव में है।हमारी परंपरा में नकारना नहीं है। इसीलिए यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। उन्होंने इस संविधान दिवस पर भविष्य की चुनौतियों पर भी ध्यान देने की बात कही, जिसमें एक बड़ी चुनौती है समरस समाज बनाना ।आज की सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिए हमें सामाजिक समरसता का संकल्प लेना होगा।
महाराजा अग्रसेन टेक्निकल एजुकेशन सोसयटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नंद किशोर गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि तमाम विरोधाभासों के बावजूद इस संविधान ने देश को जोड़ कर रखा है। राष्ट्र निर्माण में हम सबको अपनी अपनी भूमिका निभानी होगी। मंच पर पुस्तक के प्रकाशक प्रभात प्रकाशन के महानिदेशक श्री प्रभात कुमार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में महाराजा अग्रसेन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. राकेश कुमार गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।