भारत और ऑस्ट्रेलिया मौजूदा टेस्ट सीरीज के रोमांच को आगे बढ़ाने के लिए गुरुवार को जब तीसरे क्रिकेट टेस्ट में आमने सामने होंगे तो एक बार फिर आकषर्ण का केंद्र पिच ही होगी. बेंगलुरू में दूसरे टेस्ट के दौरान विवादास्पद डीआरएस प्रकारण के अंत के बाद नजरें एक बार फिर झारखंड राज्य क्रिकेट संघ स्टेडियम की पिच पर टिक गई है. यहां पहली बार टेस्ट मैच का आयोजन किया जा रहा है.
चार टेस्ट की बोर्डर-गावस्कर सीरीज 1-1 से बराबर चल रही है. पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के होमग्राउंड पर होने वाला मैच सीरीज के नतीजे में अहम भूमिका निभाएगा. पुणे में पहले टेस्ट की पिच को मैच रैफरी ने ‘खराब’ करार दिया था. जबकि बेंगलुरू में दूसरे टेस्ट की पिच को क्रिस ब्रॉड ने औसत से खराब करार दिया है.भारत ने बेंगलुरू में पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की थी. जिससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा होगा. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने दूसरे टेस्ट में एलबीडब्ल्यू होने के बाद डीआरएस रिव्यू के लिए ड्रेसिंग रूम से सलाह लेने की कोशिश करके विवाद खड़ा कर दिया था.
पिच की होगी अहम भूमिका
दोनों टीमों की चिंता हालांकि फिलहाल पिच को लेकर है. दिल्ली में घरेलू वनडे टूर्नामेंट में झारखंड की अगुआई कर रहे धोनी को कुछ दिन पहले पिच की तैयारी के दौरान क्यूरेटर के साथ देखा गया था. इस पिच को भी स्पिनरों की अनुकूल माना जा रहा है. लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि यह पांच दिन तक बरकरार रहेगी. पिच को सुबह पानी दिया गया और एक हफ्ते पहले बारिश भी हुई थी. जिससे पिच को देखकर लग रहा है कि इसमें नमी है.
स्पिन के खिलाफ कमजोर टीम इंडिया
तीसरे टेस्ट से पहले एक बार फिर चर्चा खिलाड़ियों से ज़्यादा पिच की हो रही है. तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पिच का मिजाज़ कैसा होगा और क्या टीम इंडिया यहां पर भी स्पिन के बूते ऑस्ट्रेलियाई टीम को चित करेगी. पुणे के झटके ने इस बात को फिर दोहराया है कि स्पिन के ख़िलाफ टीम इंडिया भी उतनी मज़बूत नहीं है जैसा कि हमें लगता है या फिर दावा किया जाता है. आखिर इस बात को कोई कैसे आसानी से भूल सकता है कि पुणे में स्टीव ओ’कीफ जैसे गुमनाम स्पिनर ने एक नहीं बल्कि दो बार मेजबान को छकाया तो वहीं बैंगलोर में नेथन लायन पहले दिन 8 विकेट झटकने में कामयाब हुए.
जानकार कई बार दलील देते हैं कि स्पिन के खिलाफ हाल के दिनों में आई गिरावट की वजह घरेलू क्रिकेट में ऐसी पिचों का कम होना है. कहा ये जाता है कि युवा खि