नई दिल्ली I देश परिस्थिति में कोरोना की दूसरी लहर में सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन की उपलब्धता के रूप में सामने आई। लोगो को ऑक्सीजन के लिए काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। यहाँ तक की ऑक्सीजन की कैन भी उपलब्ध नही हो पा रही थी और कभी-कभी होती भी, तो उनका मूल्य बहुत अधिक।
ऐसे में हम कुछ स्वयंसेवकों ने जो ‘हम – डेडिकेटेड फॉर सेवा’ नाम से एक NGO के माध्यम से कुछ-कुछ सेवा कार्य करते हैं ने इस विषय पर कुछ करने की सोची। प्रयास किया कि क्या कोई ऑक्सीजन सिलिंडर मिल सकता है पर हम उसमे असफल रहे। ऐसे में जानकारी मिली की ऑक्सीजन की 10 से 12 लीटर की कैन उपलब्ध हैं। सामान्यतः जो मूल्य होता है उसपर तो नही, पर जिस बहुत अधिक मूल्य पर वर्तमान स्थिति में उपलब्ध है उससे काफी हद तक कम मूल्यों पर।सामाजिक संस्था हम के अध्यक्ष, अमित कु. सिंह, एडवोकेट ने ये जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे में हमने यह तय किया कि हम ‘No Profit No Loss’ पर जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन कैन उपलब्ध करायेंगे। साथ ही यह भी घोषणा की कि ऐसे लोग जो इसका मूल्य देने में सक्षम नहीं हैं उनको हम यह निशुल्क देंगे।
NGO के महामंत्री श्री संचित वाजपयी का नंबर हमने सम्पर्क हेतु दिया। हमने देखा कि बहुत बड़े पैमाने पर उनके पास ऑक्सीजन कैन के लिए फ़ोन और व्हाट्सएप आने लगे। हमारा यह नंबर इतना फैला कि कुछ फ़ोन तो जर्मनी और अमेरिका तक से भारत में अपने परिचितों के लिए आये। इसके अलावा दिल्ली के साथ-साथ, फरीदाबाद, गुरुग्राम, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान इत्यादि स्थानों से भी लोगो के फ़ोन आये।
हम लगभग 100 ऑक्सीजन कैन देने में सफल हो पाए। जिनमे से 38 कैन हमने निशुल्क दिए। इसके पश्चात सरकार के हस्तक्षेप के बाद ऑक्सीजन की समस्या दूर हुई।
इसी प्रकार एक और विषय सामने आया कि ऑक्सीजन की बड़ी समस्या को देखते हुए, ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने वाले साथियों के इतने सारे नंबर आने लगे, जिनमे अधिकतर या तो गलत थे या किसी काम के नही थे। ऐसे में यह भी ध्यान आया कि जिस परिवार या व्यक्ति को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, वो इन नंबर पर फ़ोन कर-कर के और अधिक परेशान हो जाते थे। जिससे यह भी देखने में आया कि जहाँ सच में सहायता हो सकती थी, उन्होंने परेशान होकर उस नंबर पर फ़ोन ही नहीं किया।
ऐसे में हमारी टोली ने यह तय किया कि हम सबमें से कोई न कोई इन सभी नम्बरों पर फ़ोन करके चेक करेंगे और जो नंबर सही और उपयोगी होते थे, उनको हमने एक सूचीबद्ध किया। फिर यह बताते हुए कि यह हमारे द्वारा सत्यापित हैं, इन्हें प्रसारित किया जिससे जरुरतमंदो को समस्या न हो और उनकी उचित सहायता हो सके।
हम जितना कर सके हमने प्रयास किया। पर इन छोटे से कामो से भी लोग इतने प्रसन्न थे कि काफी लोगो ने तो हमे व्हाट्सएप करके यह तक कहा की आप बहुत अच्छा और बड़ा काम कर रहे है। कुछ ने तो भगवान् तक कहा। जो बहुत बड़ी बात थी। हमने कोई ऐसा बड़ा कुछ नही किया। हम तो अपने से जो कर सकते थे उतना केवल प्रयास भर किया। पर इससे हम इतना कहना चाहते हैं कि इस विकट परिस्थिति में हम सभी को जितना हो सके उतना जरुर करना चाहिए। हमारे छोटे से प्रयास से किसी के लिए बहुत बड़ी सहायता हो सकती हैं। इस महामारी के समय सभी सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ व्यक्ति वेशेष से भी हम आग्रह करना चाहेंगे कि इस विपदा के समय सरकार हर सम्भव प्रयास कर ही रही है, पर हम सभी को भी आगे आकर जितना कर सकते है अवश्य करना चाहिए।
साथ ही देश में अनेकों नकारात्मक खबरें प्रसारित हो रही है, जहाँ संभव हो उन्हें तो रोके ही पर हम सबको सकारात्मक बातों का प्रसार प्रचार करना है। हम अवश्य जीतेंगे, हम सब साथ मिलकर जीतेंगे ।