कल्याणपुर (समस्तीपुर) : अपराधियों ने वासुदेवपुर के सरपंच हरिशंकर भगत की गला घोंट कर हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया. पुलिस ने रविवार की सुबह शव पंचायत भवन से सटे आम के बगीचे में पेड़ से लटकता हुआ बरामद किया है. सरपंच से दो दिनों पूर्व पटना जंकशन उड़ाने की धमकी के मामले में पूछताछ हुई थी. घटना से आक्रोशित लोगों ने वासुदेवपुर के निकट ही समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य पथ को जाम कर यातायात ठप Âबाकी पेज 13 पर कर दिया.
सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक पदाधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को समझाने में सफलता हासिल की. इसके बाद लाश को अंत्यपरीक्षण के लिए समस्तीपुर भेजा गया. परिजनों का कहना है कि हरिशंकर की हत्या की गयी. इसकी जांच होनी चाहिए. इधर, शव मिलने के बाद गुस्साये गांववालों ने वासुदेवपुर चौक के पास समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य पथ को सुबह साढ़े पांच बजे ही टायर जला कर जाम कर दिया. स्थानीय थाने की भूमिका पर सवाल उठाते हुए घटना की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग पर अड़ गये. लोगों के गुस्से को भांपते हुए स्थानीय पुलिस ने आलाधिकारियों से संपर्क कर मदद मांगी. 10.30 बजे जैसे ही पुलिस पहुंची लोगों का हुजूम टूट पड़ा़ स्थिति को भांपते हुए पुलिस बैरंग वापस लौट गयी.
इसके बाद एसडीएम कुमार देवेंद्र प्रौज्जवल, एएसपी आमिर जावेद, इंस्पेक्टर प्रियव्रत व आठ थानों की पुलिस चारों ओर से मार्च करते हुए वज्रवाहन के साथ घटनास्थल पर पहुंची. लोगों से बातचीत की. एसडीएम ने पूरे घटना की न्यायिक जांच के साथ अधिकतम मुआवजा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया़ इसके बाद लोग सहमत हुए. शव को पेड़ से उतार कर अंत्यपरीक्षण के लिए समस्तीपुर भेजा गया. मुचलके पर मुक्त हुआ था सरपंच एसएमएस कर पटना जंकशन उड़ाने की धमकी मामले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ से मिली जानकारी के बाद सरपंच हरिशंकर भगत व इजहारूल हक को भी एटीएस व रेल पुलिस ने संयुक्त रूप से गिरफ्तार कर कल्याणपुर थाने ले गयी थी. पूछताछ के बाद सरपंच को निजी मुचलके के आधार पर मुक्त कर दिया गया था़ सरपंच को मुक्त कराने के लिए स्थानीय मुखिया चंद्रगुप्त शर्मा व कई लोगों ने पहल की थी़ मुचलके के अनुसार सरपंच को लगातार पुलिस के संपर्क में रहना था़ गिरफ्तारी के दौरान दोनों से बातचीत के क्रम में एसएमएस भेजे जानावाला मोबाइल दोनों के पास से ही बरामद हुआ था़ इसकी जांच अभी चल रही है़
जांच में जुटी एटीएस व रेल पुलिस
लोगों में जारी चर्चा पर गौर करें, तो कई लोग दबी जुबान से कह रहे थे कि सरपंच बिल्कुल बेबाक व निर्भीक स्वभाव का था़ पुलिस सूत्र भी बताते हैं कि एटीएस की पूछताछ में सरपंच गवाही को तैयार था. उसकी जुबान खुलने से कई सफेदपोश धमकी मामले में बेनकाब हो सकते थ़े हालांकि पूरे प्रकरण की जांच के बाद ही सरपंच की मौत के कारणों का खुलासा हो सकता है़ वैसे पुलिस के साथ एटीएस व रेल पुलिस भी इस मामले में वैज्ञानिक तरीके से जांच में जुटी है़ इससे मौत के कारणों तक पहुंचा जा सके. वहीं कुछ ग्रामीण स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं.