पिछले साल आयी नोटबंदी के बाद देशवासियों को 2000 रुपये के नये नोट पहली बार देखने को मिले. 1000 और 500 रुपये के नोट बंद करके ये नोट बाजार में लाये गये थे. शुरुआती दिनों में इन्हें पाने के लिए लोगों में काफी जुनून था. लेकिन अब खबर है कि बाजार में इन नोटों की कमी आने लगी है.
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, आम लोगों और कारोबारियों के अलावा, बैंकर और एटीएम ऑपरेटर भी ऐसी शिकायत कर रहे हैं. बताया जाता है कि इसकी एक बड़ी वजह जहां इन नोटों की जमाखोरी है, तो वहीं कुछ लोग इसे सरकार की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा भी बता रहे हैं. उनके अनुसार सरकार चाहती है कि उच्च मूल्य के ये नोट धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था से बाहर हो जायें. ताकि इसके गलत इस्तेमाल की संभावना न के बराबर रह जाये.
इसी दिशा में काम करते हुए सरकार ने 2000 रुपये के और नोट छापने की रिजर्व बैंक की मांग को खारिज कर दिया है. बताया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार के सामने 2000 रुपये के सौ करोड़ नोट छापने की मांग रखी थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया. हालांकि सरकार ने बाकी सभी दूसरे नोट छापने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.
इस बीच खबर यह भी आ रही है कि एसबीआई ने अपने एटीएम का रीकैलिब्रेशन भी शुरू कर दिया है, ताकि उसके एटीएम में 2000 रुपये की जगह 500 रुपये के नोट अधिक रखे जा सकें. बताते चलें कि देशभर में एसबीआई के सबसे अधिक 2.2 लाख एटीएम हैं. ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि सरकार धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने जा रही है.
संवाददाता, ऋषभ अरोड़ा