पटना : राज्य के सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में मुफ्त वाइ-फाइ सेवा देने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. फरवरी के तीसरे सप्ताह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस सेवा का उद्घाटन करने जा रहे हैं. सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आइटी) विभाग ने इस सेवा को सुचारु रूप से चलाने के लिए अपने स्तर पर सभी तैयारी कर ली है. इसके तहत राज्य की सभी 308 सरकारी शिक्षण संस्थानों में मुफ्त वाइ-फाइ सेवा शुरू की जायेगी. इस सेवा का उपयोग छात्र सिर्फ किसी तरह की शैक्षणिक गतिविधि में ही कर पायेंगे. पोर्न साइट्स, फिल्म, गाने या अन्य किसी तरह की मनोरंजन से जुड़ी गतिविधि में इस वाइ-फाइ सेवा का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. सभी तरह की अवांछित वेबसाइटें इस सेवा के तहत पूरी तरह से ब्लॉक रहेगी. छात्र पढ़ाई के अलावा अन्य किसी तरह के कार्यों में इसका उपयोग नहीं कर सकेंगे.
आइटी विभाग करेगा मॉनीटरिंग
सभी संस्थानों में मुफ्त वाइ-फाइ सेवा की मॉनीटरिंग के लिए पटना के आइटी विभाग में एक कंट्रोल यूनिट बनाया गया है. इसके जरिये सभी 308 संस्थानों में वाइ-फाइ के उपयोग की सतत मॉनीटरिंग की जायेगी. किस संस्थान में इसका कितना उपयोग हो रहा है. कौन-कौन लोग उपयोग कर रहे हैं. किस तरह की वेबसाइट को छात्र देख रहे और कितना डाउनलोड कर रहे हैं.
संस्थानों में उपयोगकर्ताओं की संख्या के हिसाब से स्पीड और यूजर्स की संख्या को कम या ज्यादा किया जा सकता है. किसी संस्थान में छात्रों के यूजर आइडी के जरिये तमाम गतिविधि पर कंट्रोल यूनिट से ही मॉनीटरिंग किया जा सकता है.
संस्थानों से मांगी गयी छात्रों की सूची
आइटी विभाग ने सभी संबंधित सरकारी शिक्षण संस्थानों से उनके यहां पढ़ने वाले सभी छात्रों की संख्या और नाम के साथ देने के लिए कहा है. ताकि सभी छात्रों को यूजर आइडी और पासवर्ड मुहैया करा दिया जा सके. इसकी मदद से वे मुफ्त वाइ-फाइ सेवा का उपयोग कर सकें. इसके अलावा सभी कॉलेज या अन्य शिक्षण संस्थानों में एक-एक नोडल पदाधिकारी बनाये जायेंगे. जो इस सेवा का लाभ लेने वाले छात्रों के नाम अपने संस्थान की लिस्ट से जोड़ या हटा सकते हैं. इसमें गेस्ट लॉग-इन की भी व्यवस्था होगी, जिसका लाभ किसी बाहरी को लेने के लिए नोडल पदाधिकारी की अनुमति लेनी पड़ेगी. अगर किसी छात्र ने अपना यूजर आइडी और पासवर्ड दूसरे को दे दिया, तो संबंधित छात्र इसका उपयोग नहीं कर पायेगा. यानी किसी एक समय पर कोई एक यूजर ही किसी एक आइडी और पासवर्ड का उपयोग कर पायेगा.
75 शिक्षण संस्थानों में इस इंटरनेट सेवा की स्पीड 20 एमबीपीएस (मेगाबाइट प्रति सेकेंड) होगी. शेष संस्थानों में इसकी स्पीड 10 एमबीपीएस से ज्यादा और 20 एमबीपीएस से कम रहेगी. इंटरनेट सेवा के लिए यह स्पीड काफी अच्छी मानी जाती है. इतनी स्पीड वाली निरंतर इस सेवा को प्रदान करने के लिए मोबाइल की जानी-मानी निजी कंपनी और इसके लिए जरूरी सभी आधारभूत संरचनाओं को मुहैया कराने के लिए एक दूसरी प्राइवेट कंपनी के साथ सरकार ने करार किया है. इसके अलावा सभी शिक्षण संस्थानों में प्रति छात्र प्रति महीने इंटरनेट से किसी दस्तावेज या अन्य जानकारी को डॉउनलोड करने की सीमा तय रहेगी. इस तय सीमा से कोई छात्र ज्यादा डॉउनलोड नहीं कर पायेंगे. यह सीमा सभी शैक्षणिक संस्थानों के हिसाब से अलग-अलग होगी. यह गलत उपयोग न हो इसके लिए किया गया है.