बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत शनिवार (23 दिसंबर) को दोपहर तीन बजे के बाद फैसला सुनाएगी। सुनवाई के लिए लालू प्रसाद यादव अपने घर से निकल चुके हैं। लालू ने सुनवाई के लिए निकलने से पहले पत्रकारों से कहा, ”मुझे विश्वास है कि मुझे न्याय मिलेगा। फैसला चाहे जो हो, बिहार के लोगों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील करता हूं।” नौ सौ पचास करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपए की अवैध निकासी के मुकदमे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, विद्यासागर निषाद, आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, समेत 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है। रांची स्थित केन्द्रीय जांच ब्यूरो की शिवपाल सिंह की विशेष अदालत इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये की अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है।
साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपए का फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे। इनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसी/64 ए/1996 दर्ज किया था और करीब 21 साल बाद इस मामले में शनिवार को फैसला आने वाला है।
बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने लालू यादव के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, ”उम्मीद और दुआ करता हूं कि देश के दोस्त, लोगों के हीरो और गरीबों के पसंदीदा लालू यादव को मनचाहा और योग्य न्याय मिले। सत्यमेव जयते?? ईश्वर भला करे!”
Hope wish & pray that the friend of the nation, hero of masses & favorite of downtrodden, one & only one Lalu Yadav gets the most desired & deserving justice. Satyamev Jayate??!!. God Bless!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 23, 2017
रांची की विशेष सीबीआई अदालत लालू यादव व अन्य आरोपियों पर फैसला दोपहर तीन बजे के बाद सुनाएगी। अदालत ने फैसला सुनाने का वक्त बदल दिया है।
लालू यादव कुछ ही देर में रांची की विशेष सीबीआई अदालत में पेश होंगे।
Lalu Prasad Yadav to appear before special CBI Court in Ranchi shortly #FodderScamVerdict pic.twitter.com/J6vIkTDB3h
— ANI (@ANI) December 23, 2017
लालू के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में यदि लालू एवं अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात वर्ष की एवं न्यूनतम एक वर्ष की कैद की सजा होगी। इस बीच सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) एवं 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में गबन की धारा 409 में दस साल तक की और धारा 467 के तहत तो आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।
इस मुकदमे में लालू, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा एवं ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डा. के के प्रसाद तथा शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे। सभी 38 आरोपियों में से जहां 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गए जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था जिसके बाद उन्हें 2006-7 में ही सजा सुना दी गयी थी।