बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आए नाबार्ड के अध्यक्ष हर्ष कुमार भानवाला के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और राज्य सरकार के अन्य वरीय अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ग्राम-टोला सम्पर्क योजना के कार्यान्वयन के लिए सस्ती दर पर 3,061 करोड़ और 26 जिलों में पौधारोपण की योजना के लिए 696 करोड़ के ऋण प्रस्ताव की स्वीकृति पर चर्चा हुई.
नाबार्ड के अध्यक्ष ने बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना मसलन सड़क, पुल-पुलिया, सिंचाई के साधानों और विद्युत आदि की परियोजनाओं में भरपूर सहयोग का भरोसा दिया. भारत सरकार द्वारा 1,622 करोड़ की स्वीकृत उत्तरी कोयलकारो परियोजना के लिए राज्य सरकार नाबार्ड से कर्ज लेगी. इस परियोजना में राज्य सरकार को 40 प्रतिशत अंशदान करना है. 25 वर्षों से अधर में लटकी उत्तरी कोयल जलाषय परियोजना के पूरा होने से झारखंड और बिहार के आधे दर्जन जिलों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी.
सरकार प्रदेश के 101 प्रखंडों में आईटी प्रक्षेत्र के लिए 600 करोड़ और राज्य के 26 जिलों में क्रियान्वित की जा रही पौधारोपण योजना के लिए पहली बार नाबार्ड से 696 करोड़ का ऋण लेगी. एक सप्ताह में कर्ज की स्वीकृति में आ रही परेशानियों को दूर करने का निर्देश दिया गया. ग्रामीण आधारभूत संरचना के लिए इस साल सरकार नाबार्ड से 2100 करोड़ का कर्ज लेगी. सरकार वेटनरी अस्पताल, दुग्ध प्रसंस्करण इकाई, दुग्ध संग्रहण केन्द्र, मिट्टी जांच केन्द्र की स्थापना और सोलर के विकास के लिए भी नाबार्ड से ऋण लेगी. बैठक में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस के मजुमदार, मुख्यसचिव अजंनी कुमार सिंह, वित्त विभाग के प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, योजना व विकास के अपर सचिव शिशिर सिन्हा, महिला विकास निगम की एमडी एन विजय लक्ष्मी के साथ राज्य सरकार व नाबार्ड के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.