भारत में जेंडरगैप को संतुलित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के प्रति जनजागृति के लिए मलाड पश्चिम मुंबई के इंफिनिटी मॉल में आयोजित पथनाट्य कार्यक्रम संपन्न हो गया, जिसमें समाज में लड़कियों के शिक्षा के प्रति लोगों को जागृत करने का प्रयास किया गया। भारत सरकार की योजना के प्रति सामाजिक जनजागृति का यह कार्यक्रम ‘चाइल्ड हेल्प फाउंडेशन’ और ‘रागरागिनी’ कलाकेंद्र, मीरा रोड द्वारा किया गया।
बता दें कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ भारत सरकार की एक अत्यंत महात्वाकांक्षी योजना है, जिसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2015 से हरियाणा के पानीपत से शुरू किया था। देश में जेंडर गैप को भरने और लड़कियों की सामाजिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इस योजना का आरम्भ किया था। साथ ही देश में छोटी बच्चियों को सशक्त करने के साथ-साथ समाज मे लड़कियों की गिनती संख्या के अनुपात के मुद्दे को बताने के लिए एक उद्देशपूर्व ढंग से एक राष्ट्रवादी योजना की शुरुवात हुई। इसे योजना का एक मकसद उन्हें स्वालंबी बनाने का भी रहा है।
भारत सरकार द्वारा उठाये इस कदम के साथ ‘चाइल्ड हेल्प फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर कविता व फील्ड कॉर्डिनेटर मोहन घांघले और रागरागिनी फाउंडेशन की फाउंडर रागिनी मिश्रा ने एक साथ मिलकर एक नया आयाम दिया है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि बदलते दौर में लड़कियां किसी मामले में कम नहीं है। वे आज जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की क्षमता रखती हैं, मगर शिक्षा और जागरूकता के अभाव में आज भी बड़ी संख्या में लड़कियां आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इसी वजह से आज भी समाज में पुरूषों के तुलना में महिलाओं की संख्या कम है, जिस पर संज्ञान लेते हुए हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की एक अभूतपूर्व शुरूआत की है। अब हमारा कर्तव्य बनता है कि इस योजना के बारे में सामाज के लोगों को जागरूक करें, ताकि भारत में सबका साथ, साथ विकास संभव हो सके। क्योंकि जब तक आधी आबादी सशक्त नहीं होगी, तब तक देश की तरक्की अधूरी रहेगी, जिसे हमारे प्रधानमंत्री जी ने भी रेखांकित किया है।
गौरतलब है कि इस पथनाट्य को तैयार करने में राग रागिनी कला संस्कृति ट्रस्ट के प्रतियोगी राधाअष्टमी किसला, साक्षी मिश्रा, सायली नार्वेरकर, स्वाति नार्वेरकर, आराधिता किट्टूर, रूहा खान, समीक्षा काबरा और रोली रोलस्टोन ने अहम योगदान दिया, जिसकी पटकथा और निर्देशन रागिनी ने खुद किया है। इसमें राधा अष्टमी और साक्षी मिश्रा के अभिनय ने लोगों के आंखो में आंसू ला दिया। इस आयोजन के दौरान दोनों संस्थाओं ने आगे भविष्य में एक साथ मिलकर और भी ऐसे सामाजिक जागरुकता का काम करने का संकल्प लिया।
संवाददाता, ऋषभ अरोड़ा