दधीचि देहदान समिति देहदान के उत्तरी दिल्ली विभाग ने जन चेतना सभा का आयोजन किया
दधीचि देहदान समिति देहदान पिछले 25 वर्षों से, दिल्ली और निकटवर्ती क्षेत्रों तथा देश के अन्य भागों में, नेत्रदान और अंगदान के बारे में जन मानस में जागरूकता बनाने का कार्य कर रही है।
इसी श्रंखला में समिति के उत्तरी दिल्ली विभाग ने बुधवार, 04 मई 2022 सायं 06.30 से केशव पुरम स्थित त्यागी पब्लिक स्कूल के सभागार में अपनी मासिक बैठक और जन चेतना सभा का आयोजन किया। इस चेतना सभा में, श्री बिहारी लाल जी,
(नगर संघचालक), श्री धरम वीर शर्मा (राष्ट्रीय महामंत्री – लोक तंत्र सेनानी संघ) श्री राकेश बंसल, श्री इंदरजीत शर्मा, श्री मुकेश गाँधी, डॉ विरेन्द्र गोयल सहित समाज के विशिष्ट नागरिकों के साथ विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि सहित 200 से अधिक जनों की भागीदारी रही।
समिति के संस्थापक अध्यक्ष श्री आलोक कुमार जी ने कई प्रेरणा दाई प्रसंगों के साथ देहदान, अंगदान की उपयोगिता बताते हुए वर्तमान में इसकी आवश्यकता और महत्व पर बल दिया। आपने बताया की किन परिस्थितियों में और कैसे इस समिति का गठन किया गया था और आज भी समिति के सभी कार्यकर्त्ता पूरी तल्लीनता के साथ इस कार्य में लगे हुए हैं और दिवंगत परिजन के परिवार में पहुँच कर दान की प्रकिया को बड़ी ही सुगमता और पूर्ण सम्मान के साथ संपन्न कराते हैं। आलोक जी ने बताया की इस वर्ष समिति के 25 वर्ष पूरे हो रहें है और समिति इस अवसर पर भव्य आयोजन की तैयारी कर रही है।
सभा के संचालक श्री जी पी तायल ने सूचित किया की समिति के माध्यम से अब तक 850 से अधिक नेत्र, 350 शरीर, और दस व्यक्तियों के अंगदान हो चुके हैं। समिति के उत्तरी दिल्ली के सह संयोजक श्री जीतेन्द्र शर्मा ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराते हुए अंगवस्त्र पहना कर सभी का स्वागत कराया। समिति के उपाध्यक्ष श्री विनोद अग्रवाल ने बताया कि समिति के इस रजत जयंती वर्ष में 25000 परिवारों में पहुँच कर एक लाख व्यक्तियों के संकल्प पत्र भराने का हमारा प्रयास है। डॉ कीर्ति वर्धन साहनी ने समिति की 25 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डाला। समिति की प्रमुखा श्रीमती सुधा सोनी की आठ वर्षीय पौत्री आशिमा जो चौथी कक्षा की क्षात्रा है ने स्वयं की रचित कविता सुना कर सब का चित्त मोह लिया।
क्यों न एक काम किया जाऐ
मरने के बाद भी जिया जाऐ
अंगों को अपने दान किया जाऐ
ज़िन्दगी को फिर से जिया जाऐ
आओ मिलकर कुछ काम करते हैं
जीवन में कुछ अच्छा नाम करते हैं
अंगदान ही महादान है
इस बात को अब हम समझते हैं
ख़ाक तो सबको होना हे एक दिन
फिर क्यों हम मौत से इतना डरते हे
मरने के बाद भी अगर जीना चाहते हो
तो फिर अंगदान से क्यों डरते हो
सभा में लायंस क्लब के श्री प्रदीप कुमार, जिन्होने अपनी आठ वर्ष की पुत्री की मस्तिष्क मृत्यु होने पर उसका ह्रदय दान किया अपने ह्रदय के उद्गार कुछ इस प्रकार व्यक्त किये कि सभी निःशब्द हो गए। विनोद जी ने उनके इस महान कार्य की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए, सभागार में उपस्थित सभी की ओर से उनके और ऐसे परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया।
सभा में श्री मति गीता शर्मा, अर्चना मित्तल, नीलम गुप्ता, कविता राठी, सुधा सोनी, पद्मा बत्रा, संतोष अग्रवाल एवं सुनीता शर्मा आदि ने उत्तरी दिल्ली क्षेत्र की विभिन्न गति विधिओं का विबरण प्रस्तुत किया जो अत्यधिक प्रव्हावी था।
कल्याण मन्त्र उच्चारण और स्वादिष्ट भोजन के साथ सभा का समापन किया। सभी आगंतुकों को स्टिच नेस्ट कम्पनी द्वारा तैयार किये गए कॉफी कप उपहार स्वरुप वितरित किये गए।