दधीचि देह दान समिति के कार्यकर्ताओं को सुशील मोदी के साथ नेत्रदान, अंगदान व देहदान विषय पर चर्चा करने का अवसर मिला ।श्री मोदी पूर्व में बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे व वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं ।2013 में समिति के उत्सव में इनकी उपस्थिति रही। वहीं से इनकी इच्छा हुई कि बिहार में भी इस कार्य को किया जाए। समिति के संस्थापक, श्री आलोक कुमार से विस्तृत चर्चा करके तभी पटना में इस पुनीत कार्य को शुरू किया। माननीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी की गरिमामयी उपस्थिति में वहां इस पुनीत कार्य का शुभारंभ हुआ। पटना के सभी मेडिकल कॉलेजों में नेत्र बैंक शुरू करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है ।
दिल्ली समिति के 13 सदस्यों की उपस्थिति में दिल्ली में किए जाने वाले जन जागरण के कार्यक्रम उत्सव ,कथा, यात्रा, कार्यशाला इत्यादि के विषय में श्री सुशील मोदी ने विस्तृत चर्चा की व जानकारियां ली। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा ,महामंत्री कमल खुराना, लगभग सभी क्षेत्रों के संयोजक व समिति के उपाध्यक्ष उपस्थित थे।
दिल्ली के कार्यकर्ताओं को सुशील मोदी ने बिहार में देहदान ,अंगदान, नेत्रदान के संदर्भ में अपनी कार्यप्रणाली के विषय में बताया ।अभी भी वहां देहदान विषय में तो बहुत अधिक जागरण की आवश्यकता है ।नेत्रदान का विषय, सुशील जी की टीम के लगभग 8 वर्षों के प्रयास से कुछ आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। जन अभियान के रूप में सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को एक मंच पर लाकर, वर्ष में एक बार दो-तीन घंटे का कार्यक्रम करना, पटना टीम की एक अनुकरणीय गतिविधि है ।इसमें देहदान, अंगदान, नेत्रदान विषय को अच्छी तरह एक ही बार में ,एक बडे जनसमूह में पहुंचा दिया जाता है ।आंखों पर पट्टी बांधकर, कार्यकर्ताओं के समूह द्वारा “ब्लाइंड वाक” भी नेत्रदान के प्रति जागरूक करने का एक अच्छा प्रयोग है।
सुशील मोदी ने आग्रह किया कि इस विषय की जागरूकता के लिए भारत के सभी प्रांतों में टीम गठित करने की आवश्यकता है ।उन्होंने कहा कि इस विषय में जहां भी मेरी आवश्यकता हो मैं आपको उपलब्ध रहूंगा ।पूरा देश इस पुनीत कार्य के विस्तार के लिए दिल्ली की ओर देख रहा है।
2 घंटे सहज वार्तालाप में चली यह चर्चा सभी के लिए उपयोगी व ज्ञानवर्धक रही। निश्चय ही ,जब हम एक दूसरे की लगन व निष्ठा को देखते हैं तो मानवता के लिए किए जाने वाले कार्य के प्रति हमारा उत्साह दुगना हो जाता है।