भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्यपरिषद के सचिव सह पूर्व सांसद भूवनेश्वर प्रसाद मेहता ने पलामू केपाण्डू प्रखण्ड के मुरुमातु गांव में टोंगरी पहाड़ी के निकट गैरमजरुवा जमीन में सर्वे से पहले से झोपड़ी लगाकर लम्बे अर्से से रहते आ रहे 50 मुसहर परिवार को दबंगों द्वारा डरा-धमका कर ट्रैक्टर में जानवर की तरह लादकर जंगल में छोड़ने की घटना की निन्दा करती है,इसके लिए जिला को प्रशासन को जिम्मेवार समझती है।यह सब स्थानीय पुलिस प्रशासनऔर भूमाफियो के गठजोड़ से ही संभव हो पाया है। आए दिनों दबंग एवं पूर्व जमींदार परिवार के मेल में आकर पुलिस प्रशासन गरीबों के रह रहे आशियाना को उजाड़ने का काम कर रही है।
ऐसा ही एक दूसरा मामला मोहम्मद-गंज के भजनिया गांव का है जिसमें वर्षों से रह रहे वन भूमि से दलित परिवार को उजाड़ने का काम गांव के ही दबंगों ने किया, उनके घर में आग लगा दिया और प्रशासनिक पदाधिकारी वहां भी मूकदर्शक बनकर देखते रहे। पूरे जिला में आज दलितों को वन भूमि , गैरमजरुआ भूमि, एवं हदबंदी से फाजिल भूमि से उजड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्हें उजाड़ा जा रहा है और यह सब काम पूर्व जमींदार परिवार के लट्ठैत, दबंग और पुलिसिया गठजोड़ का परिणाम है।
पलामू उपायुक्त एवम आरक्षी अधीक्षक को मामले का संज्ञान लेना चाहिए था, ताकि कोई गरीब दलित उजड़े नहीं। हम झारखंड सरकार और पलामू जिला प्रशासन से उजड़े मुसहर परिवारों सहित मोहम्मद गंज के ग्राम भजनिया के दलितों के पुनर्वास की मांग करते हैं।तथा अपराधियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग करते हैं। तथा उजाड़े गए परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराया जाए । जब तक आवास की व्यवस्था नहीं होती है सरकार उनके रहने की व्यवस्था करे।
भाकपा की मांग हैं की गरीब ,पिछड़े ,दलित और कमजोर वर्गो को जिला प्रशासन सामाजिक सुरक्षा प्रदान करे, अन्यथा कम्युनिस्ट पार्टी सड़को पर उतरकर सरकार और भूमाफियों के गठजोड़ के खिलाफ आंदोलन तेज करेंगी