अमर हुतात्माओं को नमन करते हुए चीनी पापों को सार्वजनिक कर उसके सम्पूर्ण बहिष्कार की अपील
नई दिल्ली। जून 18, 2020। चीन द्वारा भारतीय सेनिकों पर हमले में हमारे 20 सैनिकों के बलिदान होने से सम्पूर्ण देश स्तब्ध व आक्रोशित है। अपने अमर जवानों की वीरता को नमन करते हुए विश्व हिन्दू परिषद् ने आज कहा है कि सामंतवादी तथा विस्तारवादी भूख अब चीन को कहीं का नहीं छोड़ेगी। विहिप के केन्द्रीय महामंत्री श्री मिलिंद परांडे ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे यह समझ लेना चाहिए कि जिससे तूने पंगा लिया है वह 1962 का नहीं अपितु, 2020 का भारत है। जिसके सक्षम नेतृत्व, सैन्य ताकत तथा देशवासियों की एक जुटता को पूरा विश्व अच्छी तरह जानता है। कोरोना के माध्यम से विश्व की अर्थव्यवस्था को चौपट कर लाखों लोगों की जान लेने वाले चीनी षडयंत्रों को भी सम्पूर्ण विश्व भली-भाँती जान चुका है। अपने पापों से पर्दा डाल, दुनिया का ध्यान भटका कर, भारत की ओर कु-दृष्टि रखने वाले को अब भारत की जनता भी मुँह तोड़ जबाव देगी। अक्साई चीन भारत का था और रहेगा, यह हमारा दृण संकल्प है।
विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि आज विश्व का जनमत लाखों निरीह लोगों की जान लेने वाले कोरोना के जनक चीन से बुरी तरह क्रुद्ध है। भारत सरकार को इसकी करतूतों को विश्व पटल पर और प्रखरता से उठाते हुए हमारे हुतात्मा जवानों का बदला ईंट का जबाब पत्थर से देने कर इसे पूरी तरह कुचलने की रणनीति अपनानी होगी। उसके बिना यह बाज आने वाला नहीं।
वहीँ देश भक्त जनता से भी अपील है कि चीनी वस्तुओं, तथा मोबाइल एप्प्स के साथ उसका पूर्णरूप से बहिष्कार करें जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट जाए। रही-सही कसर हमारा कुशल व सक्षम नेतृत्व तथा जांबाज रणबांकुरे सैनिक सीमा पर पूरा कर ही लेंगे।
भारत को आत्म निर्भर बनेने हेतु विहिप देश के उद्यमियों तथा अनुसन्धान कर्ताओं का भी आह्वान करती है की चीनी वस्तुओं के गुणवत्ता वाले पर्याय समाज के लिए शीघ उपलब्ध कराऐ।
श्री परांडे ने यह भी कहा कि चीन के दुस्साहस के विरुद्ध हमारे कार्यकर्ताओं ने अलग अलग तरीकों से देशभर में अपना विरोध प्रदर्शन प्रारम्भ कर ही दिया है किन्तु, अब इसकी करतूतों व षडयंत्रों का पूरी तरह से पर्दाफाश करने हेतु विहिप तथा उसकी युवा शाखाएं(बजरंग दल व दुर्गा वाहिनी) के कार्यकर्ता देश भर में घर घर जाकर अलख जगाएंगे जिससे इस दुष्ट की रीड की हड्डी पर गहरी चोट की जा सके।