आज शक्ति यादव ने सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के टीम लीडर को बदलने को लेकर हमला बोला है. कहा कि सृजन घोटाले की जांच कर रही CBI के टीम लीडर को बदलकर नया मनपसंद जांच अधिकारी नुयुक्त कराकर मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री को जाँच के दायरे में आने से बचने का हर जुगत हो रहा है. अब तो शंका साफ हो रहा है कि जिस दिन CBI का लीडर बदला जाता जाता है उसी रात में मनोरमा देवी के घर चोरी होता है नया लीडर उस वक़्त चार्ज भी नही लेता है. पूरे मामले को रफा दफा कर निदाग निकलने की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब है कि सृजन घोटाले का केस सीबीआई के कब्जे में रहने के बावजूद मनोरमा देवी के बंद घर का ताला गुरुवार को किसी ने तोड़ दिया. ऐसा प्रतीत होता है कि घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण कागजात गायब करने के लिए ताला तोड़ा गया था. गुरुवार रात ही सूचना मिलने पर तिलकामांझी पुलिस विक्रमशिला कालोनी जाकर घटना की जानकारी ली.
चूंकि अब यह केस सीबीआई के कब्जे में है, तिलकामांझी थाना जांच के लिए अंदर नहीं घुसीं. जहाँ एक तरफ सीबीआई के इंचार्ज की छुट्टी कर वापस दिल्ली बुला लिया गया. ठीक उसी वक्त ये घटना? मनोरमा देवी के घर का ताला टूटने पर तिलकामांझी के थानेदार संजय श्याथर्ति ने यह कहा कि जैसे ही जानकारी मिली तो घटना स्थल पर गए, वहाँ अंदर का ताला टूटा मिला. लेकिन मुख्य गेट पर ताला मिला. चुकी केस सीबीआई के पास है सो हमलोग अंदर दाखिल नहीं हुए. सीबीआई की आदेश के बिना घर के अंदर प्रवेश नहीं किया जा सकता है. घर के अंदर का सामान गायब हुआ है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है.
आखिर ताला तोड़ने के पीछे साजिश तो नही, मनोरमा के घर में चोरों ने चोरी की है या साजिश के तहत घोटाले से जुड़े लोगों ने ताला तुड़वाकर कागजात गायब करवाया है, यह जांच का विषय है. लेकिन घटना के लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. अगर दस्तावेज गायब हुआ होगा तो इसके पीछे बड़ी साजिश हो सकती है. बरहाल अब देखना यह है कि सीबीआई केस के इंचार्ज अब इस घटना को किस नजरिये से देखेंगे, और सृजन घोटाले को किस ओर लेकर जाते है ये तो आनेवाला वक्त ही बताएगा.