सीताजी को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के एक विवादास्पद बयान पर बिहार के सीतामढ़ी में केस दर्ज किया गया है। सीतामढ़ी माता सीता की जन्मस्थली है, जहां राजा जनक को हल चलाने के दौरान जमीन के अंदर से माता सीता बालिका रूप में मिली थी।
अधिवक्ता ठाकुर चंदन कुमार सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की अदालत में परिवाद दायर करते हुए यूपी के उपमुख्यमंत्री पर गंभीर दंडात्मक कार्रवाई का अनुरोध किया है।
याचिका को अपर मुख्य दंडाधिकारी ज्योति कुमारी की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है। अगली सुनवाई अब 8 जून को होगी।
शर्मा ने उड़ाया हिंदू धर्म का मजाक
ठाकुर का कहना है कि उपमुख्यमंत्री ने जगत जननी सीता पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है।
इस बयान से न केवल एक धर्म विशेष के लोगों की भावना आहत हुई है, बल्कि यह मिथिला और मैथिली का अपमान है। शर्मा ने हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया है।
गौरतलब है कि शर्मा ने कहा था कि रामायण काल में सीताजी का जन्म एक घड़े से हुआ था, जबकि सच्चाई यह है कि उस काल में टेस्ट ट्यूब बेबी जैसी तकनीक मौजूद थी, जिसके जरिये सीताजी का जन्म हुआ होगा।
थम नहीं रहे भाजपा नेताओं के बेलगाम बोल
दिनेश शर्मा ने उक्त बातें 31 मई को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक समारोह में कही थी। इससे ठीक एक दिन पहले हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर 30 मई को शर्मा ने कहा था कि महाभारत काल से ही पत्रकारिता की शुरुआत हो चुकी थी।
उन्होंने यह भी कहा कि आज जिस तरह लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था मौजूद है, उसी तरह की व्यवस्था महाभारत काल में भी मौजूद थी, जिसके जरिये संजय महाभारत की लाइव रिपोर्टिंग धृतराष्ट्र को करते थे।
इसके पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने भी कहा था कि महाभारत काल में इंटरनेट और सेटेलाइट उपलब्ध थे जिसके जरिये संजय महाभारत काल में युद्ध की लाइव जानकारी धृतराष्ट्र को देते थे। बिप्लब देब ने तो डायना हेडेन पर भी विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी।