मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर कैबिनेट की मीटिंग हुई जिसमें कुल 39 एजेंडों पर मुहर लगी. बैठक में पहली बार ‘फसल सहायता योजना’ लागू करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई. इस योजना के लागू होने से राज्य सरकार ‘पीएम फसल बीमा योजना’ से बाहर हो गई है. इसके लाभ के लिए किसानों को निबंधन कराना होगा.
‘फसल सहायता योजना’ पर मुहर लगने के बाद किसानों को बीमा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. इसके तहत वास्तविक उपज दर में 20 प्रतिशत तक की कमी आने पर 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राशि प्रदान की जाएगी, वहीं वास्तविक उपज से 20 प्रतिशत से ज्यादा क्षति होने पर 10 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से राशि मिलेगी. इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत किसानों को अगली फसल के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा.
कैबिनेट की बैठक में कई अन्य अहम फैसले लिए गए. अर्द्ध सैनिक बलों के जवान के शहीद होने पर उनके परिवार को दी जाने वाली राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 11 लाख कर दिया गया है. इसके अलावा मदरसा शिक्षकों के लिए 215 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, साथ ही सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के वेतन के लिए 500 करोड़ रुपये की मजूरी भी दी गई है.