पुस्तकों का प्रभाव हमारे जीवन पर मां की तरह : प्रहलाद सिंह पटेल

बिहार अपडेट-दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि पुस्तकों का प्रभाव एक व्यक्ति पर किसी माता के अपने शिशु पर प्रभाव के समान ही होता है और पुस्तक तो स्वस्थ मस्तिष्क का भोजन होता है। श्री पटेल ने बुधवार को दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा सी.एस.आर के अंतर्गत प्राप्त अनुदान राशि द्वारा क्रय सचल पुस्तकालय वाहनों का उद्घाटन करते हुए उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि पुस्तकों का अध्ययन किए बिना सर्वांगीण विकास असंभव है। उन्होंने महात्मा गाँधी, गुरु नानक देव जैसे महान व्यक्तित्वों के विचारों से संबंधित पुस्तकों को सचल पुस्तकालय वाहनों के माध्यम से पाठकों को उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया।
इस अवसर पर श्री पटेल ने पुस्तकालय में उपस्थित पाठकों से भी संवाद किया तथा उनको अधिक से अधिक ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें पढ़ने की प्रेरणा भी दी।
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श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने “घर-घर दस्तक, घर-घर पुस्तक” योजना के अंतर्गत दिल्ली क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमज़ोर हिस्सों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पुस्तकालय सेवाएं पहुँचाने के उद्देश्य से सात चल पुस्तकालय वाहनों (पाँच बस और दो बोलेरो वाहनों) का उद्घाटन किया।
दिल्ली लाईब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़ ने स्वागत भाषण में कहा कि आम जनता को पुस्तकालयों के प्रति आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। पुस्तकालयों की संख्या बढ़ाई जा रही है और इसे अत्याधुनिक किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्री अवतार सिंह ने अपने वक्तव्य में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी से संबंधित अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सचल पुस्तकालय वाहनों के माध्यम से महात्मा गाँधी एवं गुरु नानक देव के संदेश जन-जन तक पहुंचने चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के महानिदेशक डॉ. लोकेश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया और राष्‍ट्रगान के साथ कार्यक्रम  समापन हुआ।

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