दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी एवं उसकी सरकार ने लगातार दिल्ली की जनता को अपनी अराजक कार्य प्रणाली से शर्मसार किया है।
लगभग 3 साल से दिल्ली में विकास ठप है और केजरीवाल सरकार केन्द्र एवं उपराजयपाल से सत्ता संघर्ष में लिप्त है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने अपने विधानसभा में प्रचंड बहुमत का दुरुपयोग विपक्ष की आवाज़ को दबाने और अराजक बिलों को सदन में पारित कर विवाद खड़े करने को किया।
विधानसभा के इस दुरूपयोग में विधानसभा अध्यक्ष श्री रामनिवास गोयल की भूमिका पर लगातार सवाल उठते रहे हैं पर हाल ही में जिस तरह विधानसभा अध्यक्ष के दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र लिखने का मामला सामने आया है उसने सभी को अचंभित किया। यह पत्र लोकतंत्र के दो स्तंभों के रिशतों पर आघात है।
जानकारी अनुसार पत्र की भाषा उतनी ही अराजक है जितनी उनके द्वारा सदन में लाने दिये गये प्रस्तावों की रहती है।
फिर पत्र लिखने के दो ही दिन बाद उसको न्यायालय से वापस मांगना दिखाता है की अध्यक्ष को मालूम है कि यह पत्र लिखना कितना असंवैधानिक एवं अराजकता परिपूर्ण था।
न्यायालय इस पर क्या निर्णय लेगा यह न्यायिक मामला है जिस पर भा.ज.पा. कोई टिप्पणी नही कर सकती पर हम मानते हैं कि पत्र लिखने एवं वापस मांगने के इस कुकृत्य के बाद श्री रामनिवास गोयल को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नही रह गया है। वह इस्तीफा दें।
केजरीवाल सरकार इस पत्र पर अपना रूख जनता के बीच रखे और श्री गोयल को पद से हटाये।