पटना. उत्तरप्रदेश में आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही भाजपा नेता राम मंदिर और हिंदुत्व की बात करने लगे हैं. इस तरह की चर्चा करने वालों में भाजपा के विधायक भी शामिल हैं. हालांकि केंद्र सरकार में भाजपा के सहयोगी दल इसे लेकर सतर्कता बरत रहे हैं और विकास के एजेंडे को आगे ले जाने की बात कर मंदिर और हिंदुत्व के सवाल को टाल रहे हैं. वहीं भाजपा कैडर को भी यह उम्मीद जगी है कि आदित्यनाथ जोगी के उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से 1992 वाला मंदिर प्रकरण एक बार फिर उभार लेगा. वे मंदिर निर्माण को लेकर ठोस नतीजे आने का भी भरोसा कर रहे हैं.
इसी क्रम में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक प्रेम कुमार ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनेगा. उन्होंने पूरे भरोसे के साथ कहा है कह हम राम लला के मंदिर के बनाने के वायदे को अब पूरा करेंगे.
प्रेम कुमार काे श्मशान के बाद राज्य के पुराने और प्रचीन मंदिरों की भी याद आयी है. उन्होंने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए करे काम. उत्तरप्रदेश चुनाव नतीजे के आने और आदित्यनाथ याेगी मुख्यमंत्री बनने के बाद इस तरह की बात करने वाले प्रेम कुमार अकेले भाजपा नेता है.
वहीं केंद्र सरकार के मंत्री और एनडीए के घटक दल लोजपा के सुप्रीमो रामविलास पासवान मंदिर के मुद्दे से किनारा कर रहे हैं.
उन्हाेंने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि उनकी पार्टी मंदिर के मुद्दे पर अलग राय रखती है. उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर भाजपा का एजेंडा है. हम अल्पसंख्यकों के साथ हैं.’ रामविलास पासवान ने केंद्र सरकार के रुख को भी स्पष्ट करने की कोशिश की और क कि हमारा मुद्दा विकास और भ्रष्टाचार का खात्मा है. प्रधानमंत्री ने राम मंदिर की चर्चा कभी नहीं की.