धीरे-धीरे बिहार घोटलों का राज्य बनाता जा रहा है। आए दिन राज्य से ऩए-नए घोटलें सामने आ रहे है। अब बिहार शौचालय घोटला सामने आया है। इस घोटले में 13 करोड़ राशि ग़बन की गई है।
इस मामले में अलग-अलग एजेंसियों और एनजीओ पर आरोप है की उनकी मिलीभगत से शौचालय निर्माण के 13.66 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है।
पटना के जिला अधिकारी द्वारा इस मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मुताबिक शौचालय निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि सीधा लाभार्थी के खातों में जानी चाहिए थी, जो की कुछ एनजीओ और दो व्यक्तियों के खाते में भेजी गई है।
मामले की जांच के दौरान इस बात का खुलासा होने के बाद अब इसमें दोषी पाए जाने वाले पूर्व पीएचईडी, पटना के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा और एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं मामला दर्ज होने के बाद जिला अधिकारी संजय अग्रवाल ने दोनों को निलंबित कर दिया है। ये घोटला विभागीय जांच के दौरान पटना के जिला अधिकारी द्वारा पकड़ा गया।
इस मामले में सिन्हा की गिरफ्तारी तय है। वहीं एक लेखपाल को निलंबित किया गया है। मामले की जांच के दौरान कई अनियमितता पाई गई।