बिहार की राजनीति में ऊंट किस करवट बैठेगा? इस चुनाव में बिहार किसकी ताजपोशी करेगा ? कौन बिहार के दिलों पर राज करता है ? बिहार चुनाव में धारा 370, राम मंदिर या फिर सीएए का मुद्दा कितना असर करेगा ? नीतीश कुमार के सुशासन पर बिहार कितना विश्वास करता है ? क्या दल बदलने से राजनीति बदल जाती है?
इन तमाम विषयों पर बिहार अपडेट लगातार चर्चा करते आ रहा है, आज बिहार अपडेट के अतुल गंगवार ने बिहार के चुनावी मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार रवि पाराशर, अनिता चौधरी और सोशल मीडिया एक्सपर्ट मनीष वत्स से चर्चा की।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से हो रही है। इस कोरोना काल में राजनैतिक दल अपने-अपने रणनीति के अनुसार वर्चुअल माध्यम से जनता से सम्पर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष जहां आरोपों की झड़ी लगा रहा है वहीं सत्ता पक्ष नई योजनाओं के शिलान्यास का काम तेजी से कर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों में कई बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया और ये संदेश देने की कोशिश की कि उनकी सरकार जनहित में विश्वास रखती है। वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सरकार पर नीतीश के 15 साल के शासन में 57 बड़े घोटालों का आरोप लगा रहा है।
आरोप-प्रत्यारोप के इस चुनावी दौर में नेताओं द्वारा दल बदलने का खेल भी जोर-शोर पर है। कई नए लोग राजनीति में भी प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। ताजातरीन मामलों में पूर्व डीआइजी और लालू यादव के करीबी रहे सुनील कुमार ने जहां जदयू की सदस्यता ग्रहण की वहीं राजद के हर्षवर्धन भी जदयू में शामिल हो गए हैं। खबर तो ये भी आ रही है कि बांका से पूर्व सांसद पुतुल सिंह और उनकी पुत्री श्रेयशी सिंह राजद की सदस्यता लेने वाली हैं। पुतुल सिंह, जदयू के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद स्वर्गीय दिग्विजय सिंह की पत्नी हैं। दिग्विजय सिंह की मृत्यु के पश्चात 2010 में वो बाँका से निर्दलीय चुनाव लड़ी थी और जीत गई थी। बाद में उन्होंने भाजपा जॉइन कर लिया था, 2014 में भाजपा के टिकट से मैदान में उतरी और हार गई, 2019 में बांका सीट जदयू को गठबंधन के तौर पर मिल गया, तब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार गई। कहा जा रहा है कि उन्होंने राजद से 5 सीटों पर डील किया है, जहां उनके पसन्द का कैंडिडेट जो राजद टिकट देगा, उनकी पुत्री श्रेयशी सिंह जो कि नेशनल शूटर हैं और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत चुकी हैं, के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है।
बिहार चुनाव में कांग्रेस वर्चुअल माध्यम से उतरने की तैयारी कर चुकी है, बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन के माध्यम से कांग्रेस अपने सीनियर नेताओं को जनता से कनेक्ट करवाएगी। इसी बीच यूट्यूब पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को योजनाबद्ध तरीके से डिसलाइक किया जा रहा है। चर्चा है कि नीट, जेईई मेंस के परीक्षा को करवाए जाने की घोषणा के बाद विपक्षी दलों ने इस तरह की योजना बनाई, हालांकि बिहार चुनाव पर ऐसे कृत्यों का कोई बड़ा असर होगा, यह मुश्किल ही है।
कुल मिलाकर सारे राजनीतिक दल अपने-अपने योजना के अनुसार बिहार चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं, जनता किसको ताज पहनाएगी ये तो रिजल्ट के बाद ही पता चल पाएगा।