मुजफ्फरपुर और छपरा के अल्पावास गृहों में यौन शोषण की घटना सामने आने के बाद बिहार के समाज कल्याण विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी किन्नरों को देने का प्रस्ताव भेजा है. इस संबंध में समाज कल्याण विभाग ने अविलंब पहल करने की बात कही है.
ट्रांसजेंडर वेल्फेयर बोर्ड की सदस्य रेश्मा ने कहा कि सरकार के इस फैसले का वो स्वागत करती हैं, लेकिन वो चाहती हैं कि ट्रांसजेंडर की भर्ती एनजीओ की बजाय सरकार डायरेक्ट करे. सरकार के इस फैसले से करीब 200 ट्रांसजेंडर्स को रोजगार मिल पाएगा.
सोमवार को पटना में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने इस प्रस्ताव की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि छपरा अल्पावास गृह में बच्ची के साथ हुई घटना में वहां का गार्ड ही दोषी पाया गया है. ऐसे में किन्नर गार्ड रहेंगे तो बेहतर होगा. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बढ़िया प्रस्ताव है और इसको लेकर आगे की कार्रवाई करें.
जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा था कि मुजफ्फरपुर और छपरा के अल्पावास गृहों में महिलाओं और बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. यह घिनौना कृत्य है और यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है.
थर्ड जेंडर वेल्फेयर बोर्ड की सदस्य रेशमा ने बताया कि जनसंवाद में सीएम से मुलाकात के दौरान उन्होंने किन्नरों के आरक्षण, सुरक्षा और आवास समेत कई मुद्दे उठाये थे और उन्होंने सभी मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन दिया था.
मालूम हो कि लाचार लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षित जगह देने के मकसद से ही जिलों में अल्पावास गृह स्थापित किए गए हैं.