महज दो दिन बाद नेताओं की किस्मत ई वी एम में कैद होना शुरू हो जाएगी. 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होना है इसके साथ ही सभी दल साम दाम दंड भेद सभी क्रियाओं का प्रयोग कर मतदाता को अपने पक्ष में कर लेना चाहते हैं.
NDA हो या महागठबंधन कोई भी कम से कम वाद्दे करने में तो पीछे रहना नहीं चाहता. महागठबंधन ने पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरियों का वादा किया तो भला NDA कैसे पीछे रहती उसने उससे भी आगे निकलते हुए 19 लाख नौकरियों का वादा कर दिया अब ये अलग बात है यही NDA 19 लाख का वादा करने के पहले तेजस्वी के 10 लाख वाले वादे की खिल्ली उड़ाने में लगा था.
शनिवार को RJD ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया. राजद ने इस घोषणा-पत्र को ‘हमारा प्रण’, ‘संकल्प बदलाव का’ नाम दिया है. बिहार को फ्री कोरोना वैक्सीन के जवाब में तेजस्वी ने केजरीवाल के दिल्ली मॉडल पर चलते हुए “फ्रीबीस” का पिटारा ही खोल दिया है. इतना ही नहीं तेजस्वी ने बिहार के गाँव तक को CCTV से लैस करने का वादा अपने इन फ्रीबीस में किया है. आइये एक नजर डालते है क्या है तेजस्वी के वादे.
बेरोजगार युवाओं को 1500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा।
सरकारी नौकरियों का फॉर्म भरने के लिए बिहार के युवाओं को आवेदन शुल्क नहीं देना होगा।
किसानों का कर्ज माफ करने का वादा ।
संविदा प्रथा को खत्म कर सभी कर्मचारियों को स्थाई किया जाएगा और समान काम का समान वेतन दिया जाएगा।
सभी विभागों में निजीकरण को समाप्त किया जाएगा।
नियोजित शिक्षकों, वेतनमान कार्यपालक सहायकों, लाइब्रेरियन उर्दू शिक्षकों की बहाली की जाएगी।
नए उद्योगों के लिए नई नीति लाई जाएगी, नए उद्योग स्थापित करने के लिए टैक्स नहीं देगा पड़ेगा।
किडनी मरीजों के लिए मुफ्त डायलासिस की व्यवस्था होगी।
भले ही मोदी जी सौ स्मार्ट सिटी न बना पे हों पर त्तेजस्वी ने कझा है गांवों को स्मार्ट बनाया जाएगा और सीसीटीवी लगाए जाएंगे
बुजुर्गों और गरीबों का पेंशन 400 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति महीने किया जाएगा।
सरकारी नौकरी में बिहार के युवाओं को तरजीह देने के लिए राज्य सरकार डोमिसाइल पॉलिसी लाएगी।
इतना ही नहीं सरकारी नौकरियों के 85 फीसदी पद बिहार के युवाओं के लिए आरक्षित होंगे।
यानी तेजस्वी ने ठान लिया है चाहें जिस मॉडल को अपनाना पड़े सरकार बनाने में कोई कसर नहीं छोडनी है.
आखिर क्या था बीजेपी के घोषणा पत्र में-
बीजेपी ने बिहार के लिए अपने विजन डाक्यूमेंट में 11 संकल्प किए हैं। इनमें सबसे पहला है कि अगर सत्ता में आए तो कोरोना वैक्सीन का मुफ्त टीकाकरण किया जाएगा। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में 19 लाख नौकरी देने का भी वादा किया है। तो चलिए जानते हैं अन्य वादे…
कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने पर हर बिहारवासी का मुफ्त में होगा टीकाकरण
सरकार बनने के एक साल के भीतर हर तरह के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में 3 लाख शिक्षकों की भर्ती का वादा
एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का वादा
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कुल 19 लाख रोजगार देने का भी वादा किया है
2022 तक 30 लाख लोगों को पक्के मकान देने का वादा
मेडिकल और इंजीनियरिंग समेत सभी तकनीकी कोर्स को हिन्दी भाषा में उपलब्ध कराने का वादा
क्या वादे किये है JDU ने-
जदयू के घोषणा पत्र को एक नए नारे के साथ जनता के सामने रखा गया है- ‘पूरे होते वादे, अब हैं नए इरादे।’
युवा शक्ति बिहार की प्रगति
सशक्त महिला,सक्षम महिला
हर खेत में सिंचाई का पानी
स्वच्छ गांव,समृद्ध गांव
स्वच्छ शहर, विकसित शहर
सुलभ संपर्कता
सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा
कांग्रेस की क्या है घोषणाएं-
कांग्रेस ने बुधवार को अपना महागठबंधन से अलग एक घोषणा पत्र जारी किया। पार्टी ने इसे बिहार बदलाव पत्र नाम दिया है। इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बिहार के किसानों से सत्ता में आने पर मुफ्त बिजली और कर्ज माफ करने का वादा किया है।
सत्ता में आने पर किसानों का कर्ज माफ
गरीबों का बिजली बिल माफ
किसानों के सही फसल का सही मूल्य दिलाने का वादा
कृषि कानूनों को खारिज करने का वादा
नौकरी मिलने तक बेरोजगारों को हर महीने 1500 रुपए देने का वादा
विधवा महिलाओं को ₹1000 का पेंशन देने का वादा
LJP ने दिया विज़न डॉक्यूमेंट-
लोजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विजन डाक्यूमेट जारी किया है । नीतीश का खेल बिगाड़ने में लगे चिराग के विज़न पर एक नजर
बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के लागू होने से सभी महिलाओं को मुफ्त में बस यात्रा की सुविधा मिलेगी।
समान काम समान वेतन का वादा
सभी विभागों के अनुमोदित व स्वीकृत पदों में शीघ्र बहाली
अत्याधुनिक कैंसर संस्थानों की स्थापना का वादा
बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट युवा आयोग का गठन का वादा
माता सीता का भव्य मंदिर निर्माण का वादा
अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रावास को वाई-फाई, लाइब्रेरी, मेस, खेलकूद सामग्री, व सुरक्षा गार्ड के साथ आधुनिक बनाने का वादा,
फिलहाल तो फिजां गुलाबी है मौसम चुनावी है नेताओं के भाषणों में चाशनी में लिपटे वादों की जलेबी है. हर दल के कागजों पर छपे हर्फों की कीमत सिर्फ आखिरी चरण के मतदान तक ही है, उसके बाद इनकी याद कुछ नए वादों के साथ अगले चुनावों में ही की जाएगी.