शाम पांच बजते ही राज्य के 16 जिलों में नेताओं और प्रत्याशियों के उड़न खटोलों की घरघराहट और गाड़ियों की रफ़्तार से उडती धूल थम गई. इसी के साथ अब नेताओं ने खुद को किस्मत के हवाले कर दिया. 71 सीटों पर हो रहे पहले दौर के मतदान के लिए मौजूदा विधानसभा में सीटों की संख्या के लिहाज से तेजस्वी और नीतीश दोनों की किस्मत दांव पर लगी है. राजद 25 सीट के साथ नंबर एक पर है तो जदयू 23 सीट के साथ दुसरे नंबर पर है, पर बता दें ये आंकड़ा तब का है जब ये दोनों दल मिलकर चुनाव के दंगल में उतरे थे. यानी 71 सीटों में दो तिहाई से ज्यादा पर राजद-जदयू गठबंधन का कब्जा था. इन 71 सीटों पर बीजेपी महज 13 सीट ही जीत सकी थी जबकि कांग्रेस 8 सीट ही पा सकी थी. इस बार समीकरण बदले हुए है राजद और कांग्रेस साथ है यानी 33 सीट और जदयू-बीजेपी 36 सीट के साथ मजबूत स्थिति में है.
71 सीट के चुनाव में राज्य के 8 मंत्रियों की किस्मत भी दांव पर है तो नीतीश के शासन की साख सान पर लगी है. गया टाउन से कृषि मंत्री प्रेम कुमार, जमालपुर से ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, दिनारा से विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री जय कुमार सिंह, जहानाबाद से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, बांका से राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, राजपुर से परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, लखीसराय से श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, चैनपुर से खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद शामिल है. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इमामगंज से मैदान में हैं. नीतीश के लिए सबसे चिंता करने वाली बात ये है की लोजपा के 42 उम्मीदवारों में 35 जदयू के खिलाफ है। वहीं, छह हम तथा एक वीआईपी के विरुद्ध लड़ रहे हैं।
28 तारीख को होने जा रहे पहले चरण के मतदान में 71 विधान सभाओं सीटों पर 1066 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इस चरण में कुल दो करोड़ 14 लाख छह हजार 96 मतदाता मतदान करेंगे.