बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के मामले में पटना में चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. दोनों को रविवार रात को गेस्टहाउस से नशे की हालत में गिरफ्तार किया गया. पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने कहा कि, ‘पुलिस ने जांच शुरू कर दी है कि उन्हें शराब कैसे मिली’. दोनों नागरिक एक मोबाइल फोन कंपनी से जुड़े हुए हैं. जिस गेस्टहाउस में वे रह रहे थे, वो उसी कंपनी के नाम पर बुक था. आपको बता दें कि बीते सप्ताह ही बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के जिला अधिकारी कार्यालय में ही जिला अधिकारी ने दो सरकारी कर्मचारियों सहित तीन को शराब पीते रंगे हाथ पकड़ा था. इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस दौरान एक कर्मचारी भागने में सफल रह. उत्पाद विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कार्यालय बंद होने के बाद शाम को कार्यालय के एक कमरे में कुछ कर्मचारी शराब की पार्टी कर रहे थे. इसकी भनक जिलाधिकारी रमन कुमार को लग गई.
जिलाधिकारी ने इसकी सूचना उत्पाद विभाग को दी. इसके बाद जिलाधिकारी ने खुद मौके पर पहुंचकर 3 लोगों को शराब पीते रंगे हाथ पकड़ लिया. हालांकि, एक भागने में सफल रहा. गिरफ्तार कर्मचारियों में राजस्व कर्मचारी मनोज कुमार, कर्मचारी संजय कुमार और सुनील कुमार हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई की गई है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि शराब पीने वाले सभी कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. उल्लेखनीय है कि बिहार में दो साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है. मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक-2016 में कड़े सजा के प्रावधान किए गए हैं. इसके तहत पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और नशे में पकड़े जाने पर न्यूनतम एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक आर्थिक दंड का प्रावधान हैं. 5 अप्रैल, 2016 को बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 1.5 लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.