शरत सांकृत्यायन
बिहार के सपूत, महान विभूति, प्रख्यात चिकित्सक, बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री, भारत रत्न डॉ. बिधानचंद्र रॉय को उनकी जयंति और पुण्यतिथि पर नमन…..आज डॉक्टर्स डे पर सभी चिकित्सकों को बधाई….. डॉक्टर्स डे एक ऐसे महान चिकित्सक की याद में मनाया जाता है जिनका समर्पण समाज के प्रति अतुलनीय है….कुछ गिने चुने चिकित्सकों को ही एमआरसीपी और एफआरसीएस साथ साथ पूरा करने का सौभाग्य मिला है, डॉ. रॉय उनमें एक थे….जितने बड़े चिकित्सक उतने ही जुझारू स्वतंत्रता सेनानी, गरीबों के हितैषी और समाज सुधारक…..कितने लोग होते हैं ऐसी बहुमुखी प्रतिभा के धनी…..लेकिन आज सिर्फ उनके गुणगान सेकाम नहीं चलेगा…..क्या १ जुलाई को उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर देने भर से चिकित्सकों की जिम्मेदारी पूरी हो जाएगी….खासकर बिहार के चिकित्सकों को पटना में पैदा हुए ऐसे महान चिकित्सक के आदर्शों को कतई नहीं भूलना चाहिए…..हालांकि बिहार के चिकित्सक आज भी प्रतिभा के मामले में अन्य राज्यों से कहीं बेहतर हैं….और जिन विपरीत परिस्थितियों में वे मरीजों की सेवा में लगे हैं शायद वही डॉ. रॉय को सच्ची श्रद्धांजली है.….लेकिन कहीं कहीं जब व्यवसायिकता मानव सेवा के ऊपर हावी होने लगती है तब थोड़ी निराशा जरूर होती है…..यह सच है कि डॉक्टरों को भी अच्छी जीवनशैली, अच्छे रहन सहन और सुख सुविधाएं हासिल करने का उतना ही हक है जितना अन्य को…..लेकिन थोड़ा सा उन्हें अपने आप को अन्य से अलग करके देखना होगा, क्योंकि उन्होंने जो रास्ता चुना है वह मानवता की सेवा का है…..पैसे कमाएं, जमकर कमाएं, यह आपका हक भी है और कोई आपको इससे रोक भी नहीं सकता, लेकिन एक बार यह जरूर देख लें कि कोई गरीब पैसे के अभाव में दम न तोड़ दे..…सौ मरीज से पैसे लें तो कम से कम पांच का ईलाज निःशुल्क कर के देखें…..आपको खुद अच्छा लगेगा….अन्य क्षेत्र में कार्यरत लोगों से अपनी तुलना कर खुद को छोटा न करें….लोग आज भी आपको भगवान मानकर अपनी जिंदगी आपको सौंप देते हैं…..और किसपर है इतना भरोसा…..हैप्पी डॉक्टर्स डे……