मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर हमेशा यह आरोप लगते रहे कि उन्होंने बिहार में अफसरशाही को बढ़ावा दिया. नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी को इतना पसंद करते रहे कि उन्होंने कभी जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों के सामने तरजीह नहीं दी. राष्ट्रीय जनता दल जब विपक्ष में था तब यह आरोप नीतीश कुमार के ऊपर लगाया जाता रहा लेकिन अब आरजेडी सरकार में शामिल है और सत्ताधारी दल होने के बाद बिहार में अफसरशाही को लेकर आरजेडी कोटे के मंत्रियों ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. बिहार के पीएचईडी मंत्री ललित यादव ने अधिकारियों को सीधी चेतावनी दी है. ललित यादव ने कहा है कि अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. आरजेडी कोटे के मंत्री ने यह भी कहा है कि अगर विधायकों के साथ घृणा का भाव अधिकारियों ने रखा तो फिर उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा.
दरअसल मंत्री बनने के बाद ललित यादव अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे. दरभंगा में उन्होंने आम लोगों के साथ-साथ पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों से मुलाकात की. जेडीयू के स्थानीय विधायक ने भी अधिकारियों की मनमानी का आरोप लगाया था. इस बात को लेकर ललित यादव काफी गंभीर दिखे. मंत्री ललित यादव ने कहा कि जेडीयू विधायक के विनय चौधरी बता रहे हैं कि किसी पदाधिकारी ने उनसे फोन पर सही तरीके से बात नहीं की. विधायक के प्रति अगर किसी अधिकारी के मन में घृणा का भाव है. तो फिर ऐसे पदाधिकारी के ऊपर सख्ती से एक्शन लिया जाएगा. जो विधायक का सम्मान नहीं करेंगे, वह जनता का सम्मान कैसे करेंगे! ललित यादव ने कहा कि वह ना केवल अपने विभाग बल्कि दरभंगा जिले के अंदर सभी विभागों के अधिकारियों पर नज़र रखेंगे.
बिहार में अफसरशाही को लेकर आरजेडी के मंत्री ने जो बयान दिया है उसे नीतीश कुमार कैसे लेते हैं यह देखना भी बेहद दिलचस्प होगा. ललित यादव जब विपक्ष में बैठा करते थे तो वह अधिकारियों को लेकर खुद सदन में आरोप लगाते थे, लेकिन अब वह मंत्री हैं लिहाजा अधिकारियों की मनमानी को लेकर उन्होंने सख्ती वाला बयान दिया है.