स्नातक होने के बाद अपना खुद का कोचिंग संस्थान खोलने के सपने से लेकर अक्सर दुर्लभ, कठिनाइयाँ अंततः ऐसे व्यक्तियों को तैयार करती हैं जो किसी रूपक नायक से कम नहीं हैं। ऐसा ही मामला गौतम का है, भारतीय सेना के जवान, जो युद्ध की गर्मी के बीच एक पुरानी याद से चकित हो जाते हैं और जब वह सेना में जाने के लिए पसीना बहा रहे थे।
कहानी उनके प्रारंभिक स्कूली जीवन की फ्लैश शुरुआत से शुरू हुई, जो गौतम के परिवार और दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है। उनके जीवन के सुख-दुःख जो सेना में भर्ती होने के बाद उनके सुंदर भविष्य का निर्माण करते हैं। गौतम का जीवन चक्र चाय पर देशभक्ति की बातों की सामग्री नहीं होगा, लेकिन एक नायक की सच्ची कहानी सेना के जीवन में सेना के जवानों द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों का वर्णन करती है।
गौतम के गोल्डस्टार बनने की कहानी को अपने शब्दों में बिहार के बेगूसराय ज़िले में जन्में व वर्तमान में बॉलीवुड एक्टर कुमार कन्हैया सिंह ने बखूबी परिभाषित किया हैं। इस बेहतरीन किताब में देहरादून इक्फ़ाई विश्वविद्यालय की लॉ की छात्रा राव यशस्वी सिंह ने कहानी के रिसर्च करने में लेखक कुमार कन्हैया सिंह सहयोग किया हैं।