मोहन भागवत के बयान पर पुरे देश में चर्चा है. विपक्ष को चुनाव से पहले भुनाने के लिए एक बड़ा मुद्दा भी मिल गया है. ट्वीटर पर मोहन भागवत के विरोध में टॉप पर ट्रेंड चल रहा है. राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान पर जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि उनका बयान हर भारतीय का इंसल्ट है क्युकी उन्होंने उनका अनादर किया है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि सबसे पहले इन्हें ही संघियों के साथ वहाँ भेजना चाहिए. संघमुक्त भारत की बात करने वाला अब संघयुक्त भारत का वक़ील बन रहा है। इनका कोई स्टैंड है? है क्या? अच्छा और बताओ, बेपेंदी का लोटा क्या होता है?
तेज प्रताप ने नीतीश कुमार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पलटीमारी के बाद बहानेबाजी का भी रिकॉर्ड नीतीशे चाचा के पास है, अजीब बुधूआ बनाते हैं मीडियाकर्मियों को और जनता को. कभी बोलते हैं कि अखबार नहीं पढ़ा तो कभी ज्यादा जानकारी नहीं है. चच्चा!! मुर्ख मत समझिये जनता को सब समझती है और सब कुछ ठिक से सुनती है…
नीतीश कुमार ने भागवत के बयान पर क्या कहा:
नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले पर मै क्या बोल सकता हूं. कोई संगठन सीमा की रक्षा के लिए अपनी तत्परता व्यक्त करता है तो इसमे कोई विवाद नहीं. “मैने पूरा मामला देखा नहीं है.
मोहन भागवत ने क्या कहा था:
देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं. उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की भी चर्चा की. जब चीन से हमारा युद्ध हुआ तो सिक्किम सीमा क्षेत्र तेजपुर से पुलिस-प्रशासन भाग खड़ी हुई. उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर मिलिट्री फोर्स के आने तक डटे रहे. स्वयंसेवकों को जब जो जिम्मेवारी मिली उसे बखूबी निभाया. आज भी देश को जरूरत पड़े और संविधान इजाजत दे तो तीन दिनों में स्वयंसेवकों की सेना तैयार हो जाएगी.