कई सौ वर्षों के बाद पुनर्जीवित हुए सिमरिया महाकुंभ का पहला पर्व स्नान 19 अक्टूबर अमावस्या के दिन होना है. 17 अक्टूबर को महाकुंभ के पहले दिन आयोजित कुंभ क्षेत्र परिक्रमा में उमड़ी श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पहले पर्व स्नान (शाही स्नान) में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना जताई जा रही है. ज्ञात हो कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2011 में सिमरिया में आयोजित अर्द्धकुंभ में महीने भर के अंतराल में 90 लाख के आस-पास लोगों ने स्नान किया था.
तय कार्यक्रम के अनुसार सिमरिया महाकुंभ में पहले पर्व स्नान के दिन महाकुंभ पुनर्जागरण के प्रेरणा पुरुष करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज की अगुवाई में सुबह 7 बजे कुंभ शोभा यात्रा निकलेगी. शोभा यात्रा पंच दशनाम जूना अखाड़े के निशान और ध्वज के साथ निकलेगी. तदर्थ कुंभ समिति के अध्यक्ष मंडलेश्वर राम सुमिरन दास जी महाराज और सचिव श्रीमहंत राम शंकर दास जी महाराज,सूजा मठ भी दल-बल के साथ कुंभ शोभायात्रा में हिस्सा लेंगे.
कुंभ की शान माने जाने वाले नागा साधु सबसे आगे रहेंगे. पंच दशनाम जूना अखाड़ा से जुटे ये नागा साधु कुंभ शोभा यात्रा में तलवार, भाले, त्रिशूल आदि से करतब दिखाते चलेंगे. नागा संन्यासियों का स्नान भी सबसे पहले होगा.
नागा संन्यासियों के पीछे दंडी स्वामी रहने वाले हैं. शोभा यात्रा में उज्जैन पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद जी सरस्वती भी रथ पर सवार रहने वाले हैं. प्रयाग पीठाधीश्वर स्वामी माधवानंद जी महाराज, हरिद्वार पीठाधीश्वर स्वामी गंगानंद जी महाराज सहित सर्वमंगला आश्रम के देशभर से जुटे 56 पीठाधीश्वर भी कुंभ शोभायात्रा में शामिल रहेंगे.