JDU नेता शरद यादव के खिलाफ JDU ने कार्रवाई की धमकी दी थी. इस पर शरद यादव का कहना है कि उन्होंने इंदिरा गांधी का सामना किया था.
शरद यादव ने कहा- ‘कुछ पार्टी नेता मुझे डराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मैंने इंदिरा गांधी का सामना किया था और उनसे नहीं डरा. ये कौन होते हैं मुझे डराने वाले.’ शरद यादव ने ये बातें अपनी संवाद यात्रा के दूसरे दिन कहीं.
इस दौरान पूर्व सांसद अर्जुन राय और पूर्व पार्टी विधायक रमई राम भी उनके साथ मौजूद थे. शरद यादव ने कहा कि वे देश भर में भी संवाद यात्रा करेंगे.
महागठबंधन टूटने के बाद से खफा हैं शरद
नीतीश के महागठबंधन टूटने के बाद से ही शरद यादव कई तरीकों से नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं. पहले उन्होंने अपने बयानों से JDU को असहज स्थिति में डाला. इसके बाद वे खुल कर नीतीश कुमार के सामने आ गए.
उन्होंने गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल को वोट देने वाले JDU विधायक छोटू भाई बसावा का भी समर्थन किया था. नीतीश कुमार ने बसावा से बीजेपी को वोट देने की अपील की थी.
ग्राउंड जीरो पर नीतीश का विरोध
अपने विरोध को ग्राउंड पर लाते हुए शरद यादव 10 से 12 अगस्त तक तीन दिन की बिहार संवाद यात्रा पर हैं. 17 अगस्त को JDU कार्यकारिणी की बैठक से पहले शरद यादव सहज विरासत बचाओ सम्मेलन भी करने वाले हैं. संवाद यात्रा के पहले दिन उन्होंने BJP-JDU गठबंधन पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने इस गठबंधन को जनता के साथ धोखा करार दिया था.
शुक्रवार को नीतीश कुमार भी शरद यादव के बारे में खुले शब्दों में अपनी राय रख चुके हैं. उन्होंने कहा कि शरद यादव अलग राह चुनने को स्वतंत्र हैं.
शरद यादव को है लालू यादव का समर्थन
शरद यादव की बिहार संवाद यात्रा को सफल बनवाने के लिए लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी भी पूरी ताकत लगा रही है. आरजेडी के कार्यकर्ता पूरे दमखम से संवाद यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं. इतना ही नहीं पार्टी के विधायक भी शरद यादव के कार्यक्रम के दौरान कई बार मंच पर भी दिखे.
शरद यादव और लालू यादव जेपी आंदोलन से निकलने वाले नेताओं में से थे. दोनों ही जयप्रकाश नारायण की छात्र समिति का हिस्सा थे. दोनों ही बाद में जनता परिवार का हिस्सा बने. 1997 में चारा घोटाला के मुद्दे पर शरद यादव ने ही लालू प्रसाद को अलग पार्टी बनाने पर मजबूर किया था.
-ऋषभ अरोड़ा