पांच दिन पहले प्रसिद्ध संत मौनिया बाबा के कांवर यात्रा जुलूस में शामिल गजराज का गुस्सा अब भी शांत नहीं हुआ है. गजराज का गुस्सा अब भी सातवें आसमान पर है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गजराज ने एक बार फिर अपने दूसरे महावत को पटक कर मारने का प्रयास किया. हालांकि, महावत ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचा ली. उसके बाद बेकाबू गजराज का गुस्सा यात्री वाहनों पर निकलने लगा. एनएच-84 से गुजर रहे कई वाहनों को गजराज ने धक्का देना शुरू कर दिया. हालांकि, संयोग अच्छा था कि वाहन चालक गजराज के गुस्से का शिकार होने से बच गये. इस दौरान अफरातफरी मच गयी. एनएच से गुजर रहे वाहनों के पहिये थम गये. किसी तरह पुलिस को सूचना दी गयी. घटनास्थल पर पुलिस पहुंची है. लेकिन, सनके गजराज को काबू में करना किसी के वश की बात नहीं है. सनका गजराज अब भी एनएच के किनारे लगे पेड़ों को अपना शिकार बना रहा है. गजराज के उत्पात से आसपास के इलाके के लोगों में दहशत है. खेतों के रास्ते लोग आवाजाही कर रहे हैं. गजराज करीब दो घंटे से बवाल मचाये हुए हैं.
कुचल कर महावत की ले ली थी जान
गजराज के गुस्से ने आठ रोज पहले एक महावत की जान ले ली थी. जुलूस में शामिल यह हाथी अचानक सनक गया था. इसके बाद वहां भगदड़ मच गयी थी. घटना पिछले गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे हुई थी, जब मौनी बाबा की कांवर यात्रा बक्सर-आरा एनएच-84 पर प्रताप सागर गांव के पास से गुजर रहा था. पागल हाथी ने जुलूस में शामिल एक बच्चे को अपने सूढ़ में लपेट कर पटकना चाहा. लेकिन, महावत ने उसे रोक लिया था. किसी तरह उक्त बच्चे को महावत ने बचा लिया. लेकिन, खुद उसके गुस्से का शिकार हो गया. गजराज ने उसकी जान ले ली.
रेस्क्यू टीम ने कहा था डिस्टर्ब मत करना, वर्ना…
सनके हाथी को काबू में करने के लिए तीन थानों की पुलिस व जिले के अन्य हाथियों के महावतों को बुलाया गया था. लेकिन, तब भी हाथी का गुस्सा शांत नहीं हुआ. बाद में पटना से आये वन विभाग के अधिकारियों ने हाथी को गन इंजेक्शन से बेहोश किया था. बेहोश होने के बाद उसे जंजीर से बांध दिया था. इसके बाद सख्त हिदायत दी थी कि कम-से-कम 15 दिन तक गजराज को छेड़ना नहीं है. वर्ना गुस्सा बढ़ सकता है. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. आखिर किन परिस्थितियों में वन विभाग के एक्सपर्ट के आदेश की अवहेलना की गयी. यह जांच के बाद पता चलेगा.
एक किलोमीटर जाते ही भड़का हाथी
गजराज के नये महावत मुन्नू पिछले एक सप्ताह से उसके साथ था. हाथी भी महावत से घुल मिल गया था. प्रताप सागर के पास पेड़ से बंधे उसकी हरकतें सामान्य होता देख बुधवार की सुबह मुन्नू उसे आरा ले जाने लगा. इसके लिए गजराज की जंजीर खोल दी गयी. लेकिन, एक किलोमीटर तक शांति से चलने के बाद हाथी अचानक भड़क गया. गोपाल डेरा के पास पहुंचने से पहले वह गरजने लगा. तेज चिंघाड़ के साथ अपनी पीठ पर सवार महावत मुन्नू को हिला कर गिराने लगा. गिरने के बाद मुन्नू ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचायी. बहरहाल, हाथी अब भी तांडव मचा रहा है.
RJD एमएलसी के भाई का है हाथी
सनके गजराज के मालिक हाकिम प्रसाद बताये जाते हैं. वह राजद कोटे से एमएलसी राधाचरण सेठ के भाई हैं.
संवाददाता, ऋषभ अरोड़ा