कश्मीर के हालात पर केंद्रित ‘बियॉन्ड 370 जम्मू एंड कश्मीर स्प्रेड इट्स विंग्स’ पुस्तक का विमोचन भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन मंत्री बी आर शंकरानंद की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह तथा विशिष्ट अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ गुरु प्रकाश पासवान द्वारा किया गया। विमोचन के दौरान पुस्तक की संपादिका प्रोफेसर विजिता सिंह अग्रवाल भी मौजूद रही। कार्यक्रम का आयोजन सोमवार दिनांक 05.01.2024 को प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सभाग्रह, तीन मूर्ति भवन, दिल्ली में हुआ। इस पुस्तक का आमुख जाने-माने विद्वान डॉ कर्ण सिंह एवं बी आर शंकरानंद ने लिखा है तथा आवरण पृष्ठ स्वयं प्रोफेसर विजिता सिंह अग्रवाल द्वारा बनाया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ माँ भारती के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बी आर शंकरानंद ने कहा कि इस पुस्तक को पूर्ववर्ती घटनाओं से जोड़ते हुए पढ़ा जाए तो पाठक देख पाएगा कि इतिहास में चूक कहाँ हुई? यह पुस्तक पूरे भारत वर्ष को संदेश देती है कि अगर आप संगठित हैं तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों से निबटने का दम रखते हैं और आपके नेतृत्व के आगे अलगाववादी या चरमपंथी सब झुकते हैं।
अपने सम्पादकीय उद्बोधन में प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा है कि भारत के मानचित्र में अनुच्छेद 370 भारत माता को उसका ताज नहीं पहनने देती थी जो मुझे हमेशा परेशान करती थी। यह पुस्तक मेजर जनरल डॉ जी डी बक्शी, लेफ्टिनेंट जनरल डॉ जे एस चीमा समेत तमाम दिग्गज प्रोफेसरों, वरिष्ठ नौकरशाहों और लेखकों के कश्मीर केंद्रित लेखों का संकलन है। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने के बाद जम्मू और कश्मीर में अमन की राह बन रही है, ऐसे समय में इस पुस्तक का आना सामयिक है। पुस्तक में सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर इसे विस्तार से लिखा है।
इस मौके पर प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि यह पुस्तक जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्राथमिक उद्देश्यों के रूप में सामाजिक सद्भाव और राजनीतिक स्थिरता पर जोर, आर्थिक और औद्योगिक विकास, केंद्रीय कानूनों का विस्तार, निवासियों की बेहतरी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसे बुनियादी ढांचे पर महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित करती है। सुधारों को लागू करने में चुनौतियां और उन पर काबू पाने के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाने और विकास के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और दृढ़ प्रयास को प्रदर्शित करती है। यह पुस्तक जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के विकास पथ पर निरस्तीकरण के बाद के युग के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाते हुए प्रमुख सरकारी पहलों पर चर्चा, विकासात्मक परिवर्तनों की पड़ताल करती है।
इस अवसर पर डॉ पासवान ने कहा कि कश्मीर में 1989 के हालात को सुधारने की पहल वाजयेपी सरकार ने की थी। इसके बाद कश्मीर में सद्भावना व शांति स्थापित करने की शुरूआत की गई। यह पुस्तक अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू और कश्मीर में निहित विकास संबंधी जटिलताओं की गहरी समझ को प्रोत्साहित करती है। अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A जम्मू कश्मीर के विकास में बाधक थी जिसके 2019 में हटने से जम्मू कश्मीर के वंचित वाल्मीकि समाज, पाक विस्थापितों और गोरखाओं को भी उचित स्थान प्राप्त हुआ है।
पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कुंवरानी ऋतु सिंह, प्रोफेसर अनु लाथर, प्रोफेसर धनञ्जय जोशी, प्रोफेसर सरोज शर्मा, प्रोफेसर अजय कुमार सिंह, गणपति तेती, राजीव नयन, डॉ नितिन मलिक, संजीव सहाय, अजय गुप्ता, मनोज सिंह, एस प्रकाश, ज्ञानेंद्र श्रीवास्तव, संतोष तनेजा, संकल्प, सुरजीत रॉय, अतुल चौहान, डॉ अंशु जोशी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रभात पब्लिकेशन प्रकाशन के प्रमुख प्रभात कुमार ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया।