उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने, अपने निवास स्थान पर संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित 18 समाजसेवियों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने संत ईश्वर फाउंडेशन के संस्थापक स्वर्गीय श्री खैराती लाल जी के विषय में भी चर्चा करते हुए कहां कि मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता था। वे ज़मीन से जुड़े, सात्विक, सेवा को समर्पित 24 कैरेट गोल्ड के ख़ालिस इंसान थे। लगता है उन्हें बनाने के बाद ईश्वर ने वह सांचा ही तोड़ दिया जिसमें गड़ कर खैराती लाल जी बने थे जो भी उनके संपर्क में आता उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता था। विगत 21 वर्षों से अनवरत सेवा कार्यों में लगी यह संस्था और खैराती लाल जी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्हीं की इस परंपरा को उनके सुपुत्र श्री कपिल खन्ना पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं । “भारत सरकार’ व “संत ईश्वर सम्मान’ पद्मश्री ,पद्म भूषण, भारत रत्न और संत ईश्वर सेवा सम्मान लोगों को ढूंढते हुए उनके पास जा रहे हैं। जिन लोगों व संस्थाओं को यह सम्मान मिलता है उनको सम्मान मिलने के बाद समाज को पता चलता है तब लगता है कि सही लोगों को सम्मान मिला। ये सेवाव्रती नींव की ईंट की भांति चुपचाप सेवा कार्यों में लगे हुए हैं । आज पद्मश्री, पद्मभूषण, भारत रत्न और संत ईश्वर सम्मान की जो समाज में प्रतिष्ठा है वह निष्पक्ष होकर लोगों के चयन के कारण है। संत ईश्वर सम्मान मात्र 9 वर्ष पुराना है लेकिन इस संस्था ने मात्र 9 वर्षों में निष्पक्ष रूप से वह कार्य किया है जिसकारण इसकी विश्वसनीयता पुरानी से पुरानी संस्था के समकक्ष है। विगत 21 वर्षों से अनवरत सेवा कार्य में लगी यह संस्था आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। यह संस्था समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वंचित लोगों के जीवन में बदलाव के लिए कार्य कर रही है और समाज की ऐसी विभूतियों को सामने ला रही है जो चुपचाप अपेक्षाओं से परे कर्मरत हैं।
महामहिम उपराष्ट्रपति धनखड़ जी ने “रॉकेट वूमेन ऑफ इंडिया’ ऋतु करिधाल व वैज्ञानिक एम. श्रीकांत जी की खुले मन से प्रशंसा की तथा 95 वर्षीय एथलीट व 95 पदक जीतने वाली दादी भगवानी देवी डागर को युवाओं का प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने सभी विजेताओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया ।
इस कार्यक्रम में संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित 2023 के 18 समाजसेवियों और संस्थाओं के विजेताओं के साथ-साथ संत ईश्वर सम्मान कमेटी के श्री प्रमोद कोहली जी, सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश (सिक्किम उच्च न्यायालय), अध्यक्ष कपिल खन्ना जी, महासचिव वृंदा व अन्य सदस्य उपस्थित रहें।
इस आयोजन में श्री कपिल खन्ना जी ने संत ईश्वर सम्मान के विषय में बताते हुए कहा कि “संत ईश्वर सम्मान’ की संकल्पना 9 वर्ष पूर्व हुई थी और 8 वर्ष पूर्व पहली बार “संत ईश्वर सम्मान’ देना प्रारंभ हुआ था।
“संत ईश्वर सम्मान’ ने इन 8 वर्षों में भारत के 30 राज्यों के 118 सेवा साधकों को ₹ 2.25 करोड़ राशि द्वारा सम्मानित किया है जिनमें से बाद में 6 सेवा साधकों को भारत सरकार द्धारा पद्मश्री सम्मान दिया गया है।
संत ईश्वर फाउंडेशन की राष्ट्रीय महासचिव सुश्री वृंदा ने संत ईश्वर सम्मान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह सम्मान व्यक्तिगत एवं संस्थागत रूप में मुख्यतः चार क्षेत्र- जनजातीय , ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास एंव विशेष योगदान (कला, साहित्य, पर्यावरण,स्वास्थ्य और शिक्षा) में तीन श्रेणियों, एक विशेष सेवा सम्मान, 4 विशिष्ट सेवा सम्मान(₹5,00,000 प्रत्येक) एवं 12 सेवा सम्मान (₹1,00,000 प्रत्येक )में दिया जाता है। जिसमें क्रमशः शॉल, ₹500000 राशि प्रत्येक एवं एक लाख राशि प्रत्येक एवं सभी विजेताओं को शॉल,ट्रॉफी, प्रमाण पत्र व प्रतीक मुद्रा सहित प्रत्येक वर्ष कुल ₹32 लाख की धनराशि से व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है।
सभी विजेता महामहिम उपराष्ट्रपति धनखड़ जी व उनकी धर्मपत्नी से मिलकर अति प्रसन्न हुए ।जहां श्रीमती धनखड़ ने सभी विजेताओं और संत ईश्वर सम्मान टीम के लिए अपने हाथों से हलवा बनाकर खिलाया। सभी विजेताओं के लिए यह अविस्मरणीय पल था। महामहिम जी ने प्रत्येक विजेता से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनकी हौसला-अफजाई की।