आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी अत्याचारों के रोंगटे खड़े करने वाले अनुभवों को याद कर रो पड़े वरिष्ठ पत्रकार और लेखक नरेंद्र भदौरिया, संघ के 1 लाख से अधिक स्वयंसेवक गए थे जेल ,दस हजार से ज्यादा की हुई थी मौत

 

नोएडा, 27 जून 2022। प्रेरणा मीडिया शोध संस्थान द्वारा 26 जून 2022 को आपातकाल स्मृति दिवस के अवसर पर रविवार के दिन नोएडा के इंदिरा गांधी कला केंद्र में प्रेरणा विमर्श स्मारिका 2021 का विमोचन एवं विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन और वन्देमातरम गायन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मोनिका चौहान जी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रेरणा विमर्श 2021 स्मारिका का विमोचन किया गया और उसके साथ ही जाने माने लेखक नरेंद्र भदौरिया जी की दो पुस्तक तानाशाही- और अनघ का भी विमोचन हुआ। इस कार्यक्रम में प्रेरणा मीडिया के तत्वावधान में निकलने वाली पत्रिका केशव संवाद के हिंदुत्व पर आधारित विशेष संस्मरण का भी विमोचन किया गया। राष्ट्रवादी विचारक एवं लेखक श्री नरेंद्र भदोरिया जी ने आपातकाल की विभीषिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परिवर्तन सबको चाहिए किंतु परिवर्तन कोई करना नहीं चाहता है। सब सोचते हैं कि परिवर्तन कोई और आकर करे। इसी प्रवृत्ति से राष्ट्र की हानि हुई है। स्वतंत्रता के पश्चात देश को एक ऐसी पीढ़ी चाहिए थी जो परिवर्तन के लिए तैयार हो और चुनौतियों का सामना निष्ठा पूर्ण रूप से कर करे, किंतु आपातकाल जैसी विपरीत परिस्थितियों ने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे देश की राजनीति भटक गई थी। उन्होंने आपातकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की भूमिका और उनके महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आपातकाल में एक ऐसे संगठन की जरूरत थी जो इस तानाशाही का विरोध कर सके, इसके लिए संघ के नेतृत्व में एक संघर्ष समिति का गठन किया गया। इस दौरान राजनीतिक दल के जितने दल जेल गए उसके चार गुऩे सेभी अधिक अकेल संघ के कार्यकर्ता जेल गए। संघ के 60,000 से अधिक स्वयंसेवक जेल गए और उन्होंने अनेक प्रकार की यातनाएं सही। अकेले उन्नाव जिले में यातनाओं को सहते हुए 27 आंदोलनकारियों की मौत हो गई। तानाशाही के दौरान किसानों का अनाज उनसे छिन लिया गया। अन्न के बिना कितने लोगों की मौत हुई होगी इसके बारे मे कोई जानकारी नहीं है। वाकई में जो अंग्रेजों के समय नहीं देखा सुना गया था उससे भी बढ़कर थी इंदिरा की तानाशाही। आपातकाल के बारे में ये जानकारी देते समय उनकी आंखे भी नम हो गई। मुख्य अतिथि आलोक जी ने भारत में जनसंख्या विस्फोट की स्थिति पर चिंतन मनन करने की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत की सीमित संसाधन में असीमित जनसंख्या का पालन पोषण आने वाले समय में हम सब के लिए चिंता का विषय है। पर्यावरण संरक्षण एवं मानवीय संसाधन की दृष्टि से भी यह चिंतनीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉं. रवीन्द्र कुमार सिन्हा, कुलपति गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा ने की, मुख्य अतिथि के तौर पर आलोक कुमार, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उपस्थित रहे, इसके साथ ही कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय विचारक और लेखक नरेंद्र भदौरिया जी, श्री मधुसूदन दादू जी विभाग संघचालक नोएडा, प्रोफेसर अनिल निगम जी, प्रेरणा शोध संस्थान के प्रबंधक श्री अनंज त्यागी जी, संस्थान के सचिव श्री रवि प्रकाश श्रीवास्तव जी, डॉ अनिल त्यागी जी सह प्रांत प्रचार प्रमुख मेरठ, श्री कृपा शंकर जी संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड, श्री सुभाष सिंह जी राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश उपस्थित रहे।

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