बिहार अपडेट- हरियाणा के हिसार में स्थित गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में फिल्म एप्रिसिएशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। विश्व संवाद केंद्र हरियाणा एवं भारतीय चित्र साधना के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यशाला में हिसार के विभिन्न शिक्षण संस्थान, फिल्म स्टूडियो, थिएटर समूह से विद्यार्थियों व व्यवसायिक हस्तियों ने भाग लिया।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय के संचार प्रबंधन एवं तकनीकी विभाग के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
भारतीय चित्र साधना के विशेष आयोजन चित्र भारती फिल्म महोत्सव-2020(अहमदाबाद) के लिए आयोजित इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को फिल्म निर्माण व फिल्म महोत्सव के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में मुख्य रूप से दो सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र में फिल्म निर्देशक कमलेश के मिश्रा ने विद्यार्थियों को फिल्म निर्माण की नई तकनीकों के बारे में बताया। उन्होंने फिल्म संपादन, फिल्म लेखन व सिनेमैटोग्राफी के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी और नई तकनीक के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। इस सत्र में कमलेश के मिश्रा से विशेष बातचीत हरिओम कौशिक व विकास बेरवाल ने की।
अहमदाबाद में 21,22,23 फरवरी 2020 में होगा तीसरा चित्रभारती फिल्म फेस्टीवल
दूसरे सत्र में भारतीय चित्र साधना के ट्रस्टी, फिल्म महोत्सव के संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार, लेखक-निर्देशक अतुल गंगवार ने चित्र भारती फिल्म महोत्सव के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी लघु फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, एनिमेशन व कैंपस फिल्म्स की श्रेणियों में अपनी फिल्म महोत्सव के लिए भेज सकते हैं। उन्होंने कहा की फिल्म महोत्सव में भारतीय संस्कृति और मूल्य, भारतीय परिवार, सामाजिक समरसता, महिला, राष्ट्रीय सुरक्षा, शौर्य आदि विषयों पर केंद्रित फिल्में भेजी जा सकती हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है।
दूसरे सत्र में भारतीय चित्र साधना के ट्रस्टी, फिल्म महोत्सव के संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार, लेखक-निर्देशक अतुल गंगवार ने चित्र भारती फिल्म महोत्सव के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी लघु फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, एनिमेशन व कैंपस फिल्म्स की श्रेणियों में अपनी फिल्म महोत्सव के लिए भेज सकते हैं। उन्होंने कहा की फिल्म महोत्सव में भारतीय संस्कृति और मूल्य, भारतीय परिवार, सामाजिक समरसता, महिला, राष्ट्रीय सुरक्षा, शौर्य आदि विषयों पर केंद्रित फिल्में भेजी जा सकती हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है।
प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने युवा फिल्मकारों से की बात
सत्र के दौरान प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक सुभाष घई का फोन से संबोधन सभागार में उपस्थित सभी के लिए उत्साह और जोश भरा रहा। सभागार में अतुल गंगवार जी के साथ मुंबई से फोन कॉल पर जुड़े प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने विद्यार्थियों को फिल्म निर्माण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आप भी अपने आसपास विभिन्न विषयों को चुन सकते हैं और एक अच्छे और बेहतरीन सिनेमा का निर्माण कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अपने गांव अपने शहर के बारे में सोचें और उस तरह के कंटेंट पर विचार कर आपको फिल्में बनानी चाहिए। वहीं से आपको रोचक व प्रेरक विषय मिल सकते हैं और इस तरह आप फिल्म निर्माण में नए प्रयोग भी कर सकते हैं।
संबोधन से पहले सुभाष घई के फिल्मी सफर पर एक वीडियो भी दिखाया गया, जिसको देखकर सभागार में उपस्थित सभी में उत्साह उमड़ पड़ा और तालियों की गड़गड़ाहट से सुभाष घई का अभिनंदन किया गया।
सत्र के उपरांत सभी विद्यार्थी व अन्य प्रतिभागियों को फिल्म एप्रिसिएशन कार्यशाला का प्रमाण-पत्र भी दिया गया ।
कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर विक्रम कौशिक ने की, साथ ही संचार प्रबंधन एवं तकनीकी विभाग के अध्यक्ष प्रो० उमेश आर्य भी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर एवं अन्यान्य क्षेत्रों से भी प्रमुख व्यक्ति कार्यशाला में उपस्थित रहे। कार्यशाला का मंच संचालन चंद्रशेखर ने किया।
कार्यशाला में प्रांत फिल्म टोली के सदस्य विकास बेरवाल, गगन हरियाणवी व चंद्रशेखर मौजूद रहे।