-दीपक दुआ
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का 50वां संस्करण गोआ में बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ। 20 नवंबर की शाम करण जौहर के संचालन और अमिताभ बच्चन व रजनीकांत जैसे दो महानायकों की उपस्थिति में इस समारोह की रंगारंग शुरूआत हुई और 28 नवंबर को यह लाखों रुपए के ढेरों पुरस्कार बांट कर निबट गया।
इस बार के इफ्फी में 76 देशों की सैंकड़ों फिल्में शामिल हुईं। फिल्मकार कमलेश मिश्रा, नयन प्रसाद, रेखा गुप्ता आदि की सदस्यता और रमेश सिप्पी की अध्यक्षता वाली एक समिति ने दुनिया भर से आईं फिल्मों में से इफ्फी के लिए फिल्मों का चुनाव किया। यूरोपियन फिल्मकार गोरान पास्कलजेविक्स की फिल्म ‘डिस्पाइट द फॉग’ को इफ्फी की ओपनिंग फिल्म का दर्जा मिला।
भारतीय पैनोरमा खंड में देश के विभिन्न हिस्सों से आईं 26 फीचर फिल्में और 15 गैर-फीचर फिल्में दिखाई गईं। पिछले एक साल में विदा हुईं फिल्मी हस्तियों को श्रद्धांजलि देती फिल्में, ऑस्कर पा चुकीं फिल्में, फोकस कंट्री रूस की फिल्में, नव-सिनेमा की फिल्मों के पुनरावलोकन जैसे अनेक खंड यहां प्रदर्शित किए गए।
नौ हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों की शिरकत वाले इस समारोह में देश-दुनिया से आए फिल्म-प्रेमियों, फिल्मकारों, कलाकारों, तकनीशियनों, सिनेमा के छात्रों, मीडिया के लोगों ने विभिन्न विषयों पर चर्चाएं, मास्टर क्लास व वर्कशॉप्स में भाग लिया।
इफ्फी के समानांतर राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम चार दिन के ‘फिल्म बाजार’ का आयोजन करता है जिसमें देसी-विदेशी लोगों को फिल्मों के कारोबार को समझने और उसमें अपनी जगह बनाने-तलाशने को प्रोत्साहित किया जाता है। इस बाजार में विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभागों और भारतीय चित्र साधना फिल्म समारोह के स्टाल आकर्षण का केंद्र रहे।
फिल्म समारोह परिसर में साफ-सफाई, खाने-पीने, सुरक्षा, एंबुलैंस आदि की मूलभूत सुविधाओं के अलावा पेपरलेस टिकट-व्यवस्था भी लागू की गई। इफ्फी के मुख्य परिसर के करीब ही एक चिल्ड्रन-विलेज भी बनाया गया जिसमें रंगारंग कार्यक्रमों के अलावा ‘पिक्चर टाइम’ के लगाए शानदार टेंपरेरी थिएटर में रोजाना बच्चों की फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। अनिल कपूर समेत कई फिल्मी हस्तियों ने इस थिएटर का दौरा किया और इसे सराहा।
इफ्फी में इस बार भी ढेरों पुरस्कार और सम्मान वितरित किए गए। शुरूआत अभिनेता रजनीकांत को आइकॉन ऑफ द गोल्डन जुबली अवार्ड देने से हुई। लाइफटाइम अचीवमैंट पुरस्कार फ्रेंच अदाकारा इसाबेला हपर्ट को मिला। समारोह के अंत में फ्रेंच फिल्म ‘पार्टिकल्स’ को बैस्ट फिल्म, मलयालम फिल्म ‘जल्लीकट्टू’ के लिए लिजो जोस को बैस्ट डायरेक्टर, ब्राजीलियन फिल्म ‘मरिघेला’ के लिए सियू जोर्ज को बैस्ट अभिनेता और मराठी फिल्म ‘माई घाट’ के लिए उषा जाधव को बैस्ट अभिनेत्री के पुरस्कार दिए गए।