कश्मीर को लेकर भारत ने जो फैसले लिए हैं, उससे पाकिस्तान धराशायी है । हालांकि कश्मीर को दो हिस्सों में बांटना और धारा 370 को खत्म करना ये भारत का अंदरूनी मामला है और भारत अपनी टेरेटरी में कोई भी फैसले लेने को स्वतंत्र है लेकिन इन सब के बीच पाकिस्तान के वज़ीर-के-आज़म के लिए मुश्किल ये हो गयी है कि उनके हाथ से एकलौता राजनीतिक मुद्दा फिसल गया है जिसकी वजह से बौखलाहट का आलम इस हद्द तक पहुँच चुका है कि पाकिस्तान भारत के साथ अपनी सभी कूटनीतिक , ट्रेड और राजनयिक रिश्ते तोड़ चुका है । यही नहीं भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाला समझौता एक्सप्रेस का परिचालन भी पाकिस्तान बंद कर चुका है । लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर पाकिस्तान इतना क्यों बौखला गया है कि ऐसे फैसले ले रहा जो उसके ही हित में नही है ।
पाकिस्तान की इस बिलबिलाहट पर हमारी सहयोगी अनीता चौधरी ने बात की कूटनीति और रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल प्रमोद कुमार सहगल से ।
जनरल पी.के सहगल का कहना है कि कश्मीर पर भारत सरकार का फैसला पहले ही 2 सर्जिकल स्ट्राइक झेल चुके पाकिस्तान के लिए भारत सरकार का ये फैसला तीसरा सर्जिकल स्ट्राइक की तरह है और पाकिस्तान बौखसलाया हुआ है क्योंकि कश्मीर का मुद्दा अब पाकिस्तान के हाथ से निकल गया है । अब कश्मीर कोई डिस्प्यूटेड लैंड नहीं रहा। पाकिस्तान का हाल अब खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे जैसी है । इमरान खान का इतना बुरा हाल हो गया है कि अब खुद पाकिस्तान की आवाम उनका जम कर विरोध कर रही है ।
जनरल सहगल ने बताया कि पाकिस्तान की आम जनता भारत के इस फैसले से खुश है और इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच शांति की एक नई उम्मीद तलाश रही है । पाकिस्तान की जनता इमरान सरकार को कटघरे में खड़ी की हुई है । पूरे पाकिस्तान में यहां तक कि इमरान खान और पाकिस्तान के आर्मी चीफ के घर के सामने भी प्रो इंडिया , अखंड भारत के पोस्टर लग रहे है । इधर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी पाकिस्तान के खिलाफ बग़ावत शुरू हो गयी है वो भारत के साथ आना चाहते है । अगर पाकिस्तान का यही ही रवैया रहा तो बलूचिस्तान और गिलगित पाकिस्तान भी उनके हाथ से निकल जाएगा । क्योंकि जनता ये अच्छी तरह से समझ गयी है कि इमरान खान इलेक्टेड नही बल्कि सलेक्टेड नेता हैं जिनकी मर्ज़ी पाकिस्तान के फैसलों पर नहीं चलती बल्कि आईएसआई और आर्मी फैसले लेती है , जो दहशतगर्दी और आतंकवाद से भरा होता है ।
जनरल सहगल ने कहा कि आज भारत उगते सूरज की तरह है जिसे हर कोई सलाम करना चाहता है । भारत के कश्मीर फैसले का पूरा विश्व समर्थन कर रहा है । यहाँ तक कि आईओसी के सदस्य देश और यूएई जो कि पाकिस्तान के दोस्त माने जाते हैं, उन्होंने भी भारत के इस फैसले का स्वागत किया है और पाकिस्तान को कहा है कि ये भारत का अंदुरुनी मामला है और पाकिस्तान को इस फैसले को सौहार्दपूर्ण तरीके से मान लेना चाहिए । मगर पाकिस्तान है कि मानने को तैयार नही है । वो न सिर्फ भारत के साथ सभी राजनयिक, कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते तोड़ रहा है बल्कि फैसले वापस लेने का दबाव बनाते हुए युद्ध की धमकी दे रहा है ।
सेना के पूर्व मेजर जनरल प्रमोद कुमार सहगल ने बताया कि पाकिस्तान पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ा हुआ है और अगर पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज़ नहीं आया तो इसका खामियाजा सिर्फ पाकिस्तान को ही भुगताना पड़ेग । उनकी करेंसी की वैल्यू और गिरेगी , क्योंकि पाकिस्तान ने ट्रेड भारत के साथ बंद कर दिया है ,नतीजा ये रहेगा रोज़मर्रा की चीज़ें और महंगी होंगी । हालांकि इन सब के बावजूद पाकिस्तान सुधरने वाला नही । पाकिस्तान एक बार फीफा कश्मीर मुद्दे को विश्व पटल पर ले जाने की कोशिश करेगा , आतंकवाद फैलाएगा और चीन के जरिये नए पैंतरे खेलना चाहेगा मगर अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर में फंसा चीन भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंध बिल्कुल खराब नही करना चाहेगा। पाकिस्तान को ये सबक भी लेना चाहिए कि भारत- पाकिस्तान के जितने भी युद्ध हुए हैं चाहे वो 1965 के हों , 1971 के हों या कारगिल युद्ध चीन पाकिस्तान के साथ कभी नहीं गया है । यैसे में मदद की उम्मीद लिए पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ सकती है । भारत अब एकल भारत , अखंड भारत की तरफ बढ़ रहा है जिसमे पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन भी आता है । हालांकि अक्साई चीन के नाम पर चीन थोड़ा रोष जता रहा है , मज़बूत भारत की बातों को वो भी धीरे-धीरे समझ जाएगा ।
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