पटना : राजधानी पटना इन दिनों 350वें प्रकाशोत्सव को लेकर गुलजार है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली पर प्रकाश पर्व मनाने के लिये जुटे हुए हैं. प्रकाशोत्सव को लेकर पटना गांधी मैदान में भव्य आयोजन किया गया है. टेंट सिटी बसी हुई है. लगता है जैसे पूरा पंजाब बिहार की धरती पर उतर आया हो. पटना आये सिख श्रद्धालु में से हर कोई कंगन घाट जाना चाह रहा है. पटना सिटी में स्थित कंगन घाट अपने-आप में ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुए है. बताया जाता है कि यहां दशमेश मिता गुरु गोविंद सिंह जी ने कंगन घाट पर कई बाल लिलायें की थीं. बालक के रूप में गुरू गोविंद सिंह गंगा की लहरों से अटखेलियां करते थे. इस घाट पर एक दिन महाराज जी का कंगन गुम हो गया. उसके बाद से इस घाट का नाम कंगन घाट पड़ा.
कंगन घाट पर जन्मी बच्ची
रविवार को देर रात एक सिख श्रद्धालु परिवार को नवजात बच्ची के रूप में गुरुजी का तोहफा मिला. जी हां, कंगन घाट पर एक माता ने एक बच्ची को जन्म दिया. परिजनों ने इसे अच्छा संकेत मानकर बच्ची का नाम कंगना कौर रख दिया. सभी श्रद्धालुओं ने बच्ची को जन्म देने वाली मां प्रीति को धन्यवाद दिया. बताया जा रहा है कि रविवार की रात जब सब लोग नींद की आगोश में थे,तभी एक बच्ची के किलकारी की आवाज सुनाई दी. बाद में लोगों ने जाकर देखा तो एक महिला श्रद्धालु ने बच्ची को जन्म दिया है, उसी के रोने की आवाज थी. उसके बाद एंबुलेंस से मां-बच्ची को प्राथमिक उपचार के लिये अस्पताल भेजा.
बच्ची को लगाया गया टीका
बच्ची के जन्म से श्रद्धालु काफी खुश हैं. उनका मानना है कि यह गुरुजी का आशीर्वाद है. अस्पताल आने पर डॉक्टरों ने बच्ची को टीका लगाया और उत्तर प्रदेश के बिजनौर से पहुंची बच्ची की मां ने लोगों में मिठाईयां बांटी. प्रीति का यह पहला बच्चा है. बच्ची के पिता परमजीत सिंह किसान हैं. बच्ची के जन्म के बाद वह काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि कंगन घाट पर जन्म की वजह से उसका नाम कंगना कौर रखा है. परिजनों ने बताया कि वे प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिये कंगन घाट पर टेंट सिटी में ठहरे हुए हैं.