नई दिल्ली
जासूसी करते पकड़ा गया पाकिस्तानी उच्चायोग का अधिकारी महमूद अख्तर पश्चिमी तट पर भारतीय सुरक्षा बलों की तैनाती से जुड़ी गोपनीय सूचनाओं को इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था। इन सूचनाओं का इस्तेमाल संभवतः 2008 के मुंबई हमले की तरह ही आतंकी हमले को अंजाम देने में किया जाता। गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अख्तर गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में पश्चिमी तट, सर क्रीक और कच्छ के इलाकों में भारतीय सुरक्षा बलों की तैनाती से जुड़ी सूचनाएं जुटाने की कोशिश में था।
अधिकारी ने कहा, ‘इस तरह की खुफिया सूचनाएं हैं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत में मुंबई जैसे आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए समुद्र के रास्ते आतंकियों को भेजने की साजिश रच रही थी। अख्तर की गतिविधियों और पश्चिमी तट के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में उसकी दिलचस्पी से जुड़ी खुफिया सूचनाएं मिलीं थी।’
गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले मौलाना रमजान और सुभाष जांगीर को गिरफ्तार किया था। इन दोनों को उस समय गिरफ्तार किया गया जब ये दोनों महमूद अख्तर को सर क्रीक और कच्छ क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती से जुड़ी सूचनाएं दे रहे थे। इन सूचनाओं के बदले में अख्तर इन दोनों को 50 हजार रुपये देने वाला था। राजस्थान का रहने वाला शोएब नाम का वीसा एजेंट दिल्ली पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गया था। हालांकि गुरुवार शाम को उसे जोधपुर में गिरफ्तार कर लिया गया।
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