गुप्तेश्वर पांडेय कूदे चुनावी समर में…
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नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (फैन्स) के राष्ट्रीय संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सदस्य श्री इंद्रेश कुमार ने सिंधु देश स्वतंत्रता आंदोलन का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि सिंधु देश एक ऐतिहासिक सत्य है, जबकि पाकिस्तान की बुनियाद ही असत्य पर आधारित है। जिस तरह देश के विभाजन से पहले यानी 1947 से पहले कोई पाकिस्तान नहीं था, उसी तरह अगले कुछ वर्षों में कोई पाकिस्तान नहीं होगा। आज के पाकिस्तान का अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो जाएगा और इसके कई टुकड़े हो जाएंगे। फैन्स की ओर से शनिवार को सिंधु देश स्वतंत्रता आंदोलन:चुनौतियां एवं अवसर (सिंधु देश फ्रीडम मूवमेंट : चैलेंजेज एंड अपॉरटुनिटीज) विषय को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। इस वेबिनार को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान का टूटना व विखड़ना तय है। देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान का गठन हुआ, जिसका 1971 में बंटवारा हो गया। पूर्वी पाकिस्तान के अलग होने के बाद केवल पश्चिमी पाकिस्तान के तौर पर ही यह शेष रहा। आज वही पाकिस्तान टुकड़ों में बंटने व टूटने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पश्तूनिस्तान, बलूचिस्तान, सिंध जैसे कई ऐसे प्रांत हैं जो उसकी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों के चलते उससे अलग हो जाना चाहते हैं। अब पख्तूनिस्तान, बलूचिस्तान, सिंध, पंजाबी पाकिस्तान क्षेत्र बिखरने और टूटने के कगार पर हैं। इनके अलग राष्ट्र बनाने की मांग अब खासा जोर पकड़ चुकी है। कुछ वर्षों बाद दुनिया के मानचित्र पर पाकिस्तान रहेगा या नहीं इस पर भी वैश्विक स्तर पर चर्चा होने लगी है। पाकिस्तान के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं क्योंकि पाकिस्तान की बुनियाद ही असत्य पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जिसका जन्म होता है, उसकी मृत्यु निश्चित है। पाकिस्तान जन्मा हुआ देश है और भारत अजन्मा है। अब सिंध को अलग राष्ट्र बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इससे पाकिस्तानी सेना और पाक सरकार को यह डर सताने लगा है कि कहीं सिंध भी उनके हाथ से नहीं निकल जाए। वैसे भी पाकिस्तान के अंदरुनी हालात बहुत खराब हो गए हैं। इसी कारण से वह चीन की गुलामी करने के लिए भी तैयार है। जल्द ही पाकिस्तान के बलूचिस्तान, बाल्टिस्तान, जियो सिंध और पख्तूननिस्तान के रूप में टुकड़े होंगे। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान का अब कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 में बड़े भू- भाग में ब्रिटिश शासन था और भारत का विभाजन हुआ। यह काफी रक्त रंजित विभाजन था, जिसमें लाखों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए। 1971 में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा कटकर बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान ही पाकिस्तान के रूप में बना। उसी पाकिस्तान के भू- भाग में आज बलूचिस्तान, पश्तूनिस्तान, सिंध, गिलगित बाल्टिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आजादी की मांग जोर पकड़ने लगी है। उन्होंने 1986 में कश्मीर में एक सभा के वाकया स्मरण दिलाते हुए कहा कि उस दौरान कश्मीर के मुसलमानों ने सवाल उठाया था- पाकिस्तान कहां है? उन्होंने कहा कि सिंधु देश का स्वतंत्रता संग्राम एक आंदोलन है, जो कई दशकों से वहां के निवासी व्यापकता के साथ चलाते आ रहे हैं। सिंध क्षेत्र अपने भूगोल, भाषा, खुशहाली, संपन्नता के आधार पर प्राचीनतम सबसे अच्छी सभ्यता है। सिंध क्षेत्र की अपनी अस्मिता एवं पहचान है। यह पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बल्कि एक देश है। सिंधु देश आजादी आंदोलन को बाधित एवं नुकसान पहुंचाने के लिए लाहौर में बैठे आकाओं ने हमेशा से साजिश रचा। इनका मकसद सिंधु आंदोलन में व्यवधान पैदा करके विभाजित करना रहा है। वहां के सत्ताधीशों ने रणनीति बनाकर इस आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास किया है। पाकिस्तान के हिस्से में जाने के बाद से ही अलग सिंधु देश की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था और पाकिस्तानी शासकों के खिलाफ आवाज उठने लगी थी। मौजूदा समय में सिंधु देश आंदोलन एक चिंगारी के रूप में भड़क उठी है, यह एक जलता हुआ प्रकाश पुंज की तरह दुनिया के सामने आ चुका है। यह सवाल अब बड़े स्तर पर उठने लगा है -पाकिस्तान कहां है? जिसका जवाब भी सामने आने लगा है कि कोई पाकिस्तान नहीं है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि हम सिंधु देश आंदोलन के साथ हैं और हमेशा इसके समर्थन में रहेंगे। भारत न कभी विस्तारवादी, साम्राज्यवादी था और न ही होगा। भारत सबके लिए सहयोगी है। आपात स्थिति में भी भारत की भूमिका किसी भी देश, प्रांत की हमेशा मदद करने की रही है। जैसा कि इस कोविड 19 के समय में भी दुनिया के कई देशों की मदद में भारत ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया। सिंधु देश अभियान में भी भारत हमेशा से साथ है और रहेगा। उन्होंने कहा कि सिंधु देश एक ऐतिहासिक तथ्य है, जिसकी अस्मिता व संस्कृति काफी प्राचीन है। इसके ठीक उलट पाकिस्तान की बुनियाद ही असत्य पर आधारित है। पाकिस्तान ने सिंध क्षेत्र में कट्टरता को बढ़ावा दिया और अनगिनत जुल्म किए। इसने इस्लाम का दुरुपयोग करके मजहब के आधार पर इस क्षेत्र को अशांत कर दिया। ऐसे में सभी सिंधी संगठनों, सिंधी नागरिकों को पूरी तरह संगठित होकर पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई, पाक के नापाक साजिशों का मुकाबला करना चाहिए। यह समय आ चुका है और एकजुट होकर पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंध, सिंधी व सिंधु की मूल आत्मा को उसी भाषा में समझा जा सकता है क्योंकि पूर्व में उसकी अपनी लिपि रही है। सिंधी जुबान काफी प्राचीन है और इनकी अस्मिता से जुड़ी है। ऐसे में सिंध की पहचान को कुचलना खुद के विरुद्ध जंग है। सिंधी को अपनी पहचान व अस्मिता की सुरक्षा के लिए अब तक उठाए गए कदम काबिलेतारीफ है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि सभी सिंधियों को अपने मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया के जरिए प्रचार प्रसार करना चाहिए, इसमें भारत के संगठन सहयोगी रहेंगे। सिंधी लोगों को अपनी अस्मिता की रक्षा व इसकी खूबसूरती बरकरार रखने के लिए संगठित तरीके से प्रयास करना चाहिए। सभी सिंधु संगठनों को आपस में मिलकर करके सभी जरूरी विषयों व मुद्दों की एक सूची तैयार करना चाहिए। सिंधु देश आजादी आंदोलन से संबंधित जन आवाज को वीडियो के माध्यम से दुनिया के सामने रखें। इससे सिंधु देश का संघर्ष काफी व्यापक होगा। दुनिया के हर कोने में रहने वाले सभी सिंध नेता एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं। पाकिस्तान के अमानवीय व्यवहार, बर्बरता, कट्टरता, असामाजिक कृत्यों का पर्दाफाश करते रहें। सिंध क्षेत्र में पाकिस्तान के बढ़ते अत्याचार के खिलाफ मसलों को दुनिया के सामने व्यापक रूप से निरंतर रखते रहें। इसके साथ ही, पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु समाज को मजबूत करते रहना चाहिए। सिंधु देश आजादी आंदोलन को लेकर भारत समेत दुनिया भर में समर्थक हैं। यह आवाज निरंतर बढ़ती रहनी चाहिए। विश्व जनमत इस आंदोलन के साथ खड़ा हो रहा है। उन्होंने सिंधी नेताओं से लाहौर के हुक्मरानों से सतर्क रहने के अलावा चीन की कुत्सित चालों से भी सचेत रहने का सुझाव दिए। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय महामंत्री श्री गोलोक बिहारी राय ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सिंधी समाज एक प्राचीन व समृद्ध समाज है। पाकिस्तान के बनने के बाद से सिंध क्षेत्र की क्षेत्रीय अस्मिता काफी असहज स्थिति में है। सिंध क्षेत्र की अस्मिता पहले विशाल भारत से जुड़ी थी। पाकिस्तानी सरकार की नापाक साजिशों व कट्टरता ने इनकी अस्मिता को हमेशा से नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि विशाल भारत के समय से ही बलूचिस्तान, पश्तूनिस्तान, पाक पंजाब, सिंध की अपनी एक अलग क्षेत्रीय पहचान रही है। लेकिन इन सभी क्षेत्रों में पाकिस्तान ने बर्बरता व अत्याचार को बढ़ावा देकर न केवल क्षेत्र को पूरी तरह अशांत किया बल्कि इनकी पहचान व अस्मिता को भी आघात पहुंचाया। महिलाओं, युवाओं व बच्चों पर बेइंतहा जुल्म किए गए और अभी भी जारी हैं। क्षेत्रीय, भाषाई दमन के कारण सिंधी समाज की पहचान पर संकट उत्पन्न हो गया। देश के विभाजन के समय से ही सिंधु समाज अपने आंदोलन को चला रहे हैं। इस आंदोलन का स्वरूप अब काफी व्यापक हो गया है और वैश्विक मंच पर पुरजोर आवाज उठने लगी है। निकट भविष्य में सिंधु देश आजादी आंदोलन अपने अंजाम तक पहुंचेगा। पाकिस्तान के अस्तित्व पर अब पूरी तरह ग्रहण लग चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंध देश की पहचान हमारी अंतरआत्मा की आवाज है। इसके उपरांत मीर सलीम सनाई (इंटरनेशनल फ्रेंड्स ऑफ सिंध आर्गेनाइजर, जेनेवा, स्विटजरलैंड) ने वेबिनार में कहा कि पाकिस्तान हमेशा से सिंध क्षेत्र में बर्बरता करता आ रहा है। महिलाओं, बच्चियों पर जुल्म किए जाते रहे हैं। सिंध क्षेत्र के निवासियों पर अत्याचार का क्रम निरंतर जारी है। यह सब आईएसआई और पाक सेना की साजिश है। पाकिस्तान के कब्जे के चलते सिंध क्षेत्र में काफी असमानता व पिछड़ापन है। क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को साजिशन बढ़ावा दिया जा रहा है। आज सिंध जल रहा है लेकिन अब पूरा सिंध उठ खड़ा हुआ है। अब पाकिस्तान का टूटना तय है और बहुत जल्द पूरा पाकिस्तान बिखड़ जाएगा। उन्होंने भारत से अपने आजादी के आंदोलन में और अधिक सहयोग देने की गुजारिश की ताकि वैश्विक मंच पर सिंध देश की आवाज को पुरजोर समर्थन मिले। सिंध आजादी आंदोलन में भारत को खुलेआम मदद करनी चाहिए। सिंध और हिंद दो दिलों के नाम हैं। इसमें कोई फर्क नहीं है। आजाद सिंध देश में हर हाल में कायम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंध देश की आजादी की हमारी मांग जल्द पूरी होगी और यह भारत के भी हित में है। हम हिंदुस्तान के दोस्त हैं। हमारी डीएनए और संस्कृति ऐसी है कि हम भारत के खिलाफ कुछ सोच भी नहीं सकते हैं। उन्होंने भारत से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सिंध क्षेत्र में थोपे जा रहे जबरन गुलामी और पाकिस्तान के कब्जे के खिलाफ हमारी जद्दोजहद में मदद करें। पाकिस्तान के फासीवाद से पूरा क्षेत्र जूझ रहा है। अब तक इस क्षेत्र में लाखों लोगों का कत्ल किया गया, जिनमें मुस्लिम लोग भी काफी हताहत हुए। अब सिंध क्षेत्र की आजादी के लिए सभी लोग एकजुट हो रहे हैं। कहकशां हैदर (ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट अमेरिका) ने वेबिनार में अपने विचार रखते हुए कहा कि विभाजन के समय से ही पाकिस्तान ने सिंध के साथ धोखा किया। सिंधी मुसलमानों को मुहाजिर कहा जाने लगा और काफी जुल्म ढाए जाने लगे। सिंध क्षेत्र के निवासियों को कोई बुनियादी अधिकार भी नहीं दिए गए। ब्रिटिश शासन के समय मोहम्मद अली जिन्ना के चलते साजिशन मजहब के आधार पर भारत का बंटवारा हुआ। पाकिस्तान में आने के बाद इस क्षेत्र के लोगों की स्थिति दयनीय होती चली गई। जबकि भारत में रह गए हमारे रिश्तेदार आज बेहतर हालात में हैं और शांतिपूर्वक खुशहाली के साथ जीवन बसर कर रहे हैं। पाकिस्तान की सेना ने सिंधी मुसलमानों के साथ दोयम व्यवहार किया। मजहब के नाम पर हम पर जुल्म किए गए और कई दशकों से हम इससे जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सिंध क्षेत्र ने हमें सबकुछ दिया, यही हमारी पहचान है। इस पाकिस्तान से अब हमें आजादी चाहिए। पहले हमारा संघर्ष अलग अलग था, लेकिन अब सभी सिंधी संगठन, सिंधी समाज एकजुट हो रहे हैं। पहले से हमारी ताकत काफी बढ़ चुकी है। हमारा मकसद अब केवल सिंध क्षेत्र की आजादी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सिर्फ इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को फैलाया। अब हम भारत के साथ आना चाहते हैं। हमें सिंधी हिंदुस्तानी होने पर गर्व है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से मदद की अपील करते हुए कहा कि भारत को सिंधी आंदोलन को पूरा समर्थन देना चाहिए। हम भारत में निर्वासित सरकार का गठन करना चाहते हैं। हमें सिर्फ इंसानियत की चाहत है। सिंध क्षेत्र की शांति, खुशहाली के लिए हम हथियार उठाकर भी जंग करने के लिए तैयार हैं। जान देने के लिए भी तैयार हैं। सिंध देश के लिए भारत सरकार हमारी मदद करे ताकि हम अपने मकसद में कामयाब हो पाएं। जफर सहीतो (वाइस प्रेसीडेंट, जियो सिंध थिंकर्स फोरम, अमेरिका) ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र के निवासियों की आवाज नहीं सुनी जाती है। स्थानीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हमारी आवाज दबाई जाती रही है। जैसे बलूचों, पश्तूनों के साथ किया जा रहा है। पाक सरकार व सेना के असंख्य हमलों के बावजूद सिंध क्षेत्र के लोगों ने अपनी पहचान नहीं खोई है। सही मायने में यह हमारी पहचान, अस्मिता की जंग है। सिंध के लोगों पर अत्याचार तो पहले से ही हो रहे हैं, लेकिन अब पाक के खिलाफ आवाज बुलंद होने लगी है। मजहब के नाम पर पाकिस्तान का धंधा अब बिल्कुल बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1947 तक पाकिस्तान था ही नहीं। राष्ट्र के रूप में आने के बाद यह मुसीबत बन चुका है। पूरी दुनिया में आतंकवाद को फैला रहा है। भारत भी इसका हमेशा से भुक्तभोगी रहा है। दहशतगर्दों, कट्टरपंथियों को पाक सरकार व सेना का पूरा समर्थन है। दुनिया के शीर्ष के आतंकी पाकिस्तान में जड़े जमाए बैठे हैं। इस्लाम के नाम पर साजिश कर दुनिया भर में आतंक मचा रहे हैं। इसलिए अब यह जरूरी हो गया है कि पाकिस्तान को कमजोर किया जाए और इसे तोड़ा जाए। इसका टूटना अब तय है। पाकिस्तान के बिखरने से न केवल भारत बल्कि एशिया, यूरोप समेत पूरी दुनिया को आतंकवाद के जहर से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी बौद्धिक मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि पाक सरकार व पाक सेना केवल मुसलमानों का हर मोर्चे पर शोषण कर रही है। उन्होंने सिंधु देश आजादी आंदोलन को समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि इतिहास के तारीख में सिंध एक राष्ट्र के रूप में हमेशा रहा है, सिंधु सभ्यता हमेशा से रही है। सिंधु सभ्यता हमारी पहचान रही है और हम अपनी पहचान को मिटने नहीं देंगे, हर हाल में बहाल करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने टू नेशन थ्योरी को रणनीति के तहत बढ़ाया और मजहब के नाम पर सभी को बांट दिया। इस्लाम के नाम पर बांटने का धंधा अब बंद होना चाहिए। सिंधी, बलूच, पश्तून आदि आज के दौर में पाकिस्तान के साथ नहीं हैं। जबकि राजस्व व संसाधन के मामले में पाकिस्तान में सबसे अधिक योगदान सिंध क्षेत्र का ही है। पाकिस्तान को सिंध क्षेत्र में कब्जा करने का कोई हक नहीं है। कोई भी सिंधी अब पाकिस्तानी नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत को अपने पड़ोसियों में सबसे अधिक परेशानी पाकिस्तान से ही है। पाकिस्तान के वजूद में रहने तक सबसे ज्यादा सिंधियों को मुश्किल में रहना होगा। और यह भारत की प्रगति में भी बाधक बना रहेगा। इसलिए पाकिस्तान का कमजोर होना बेहद जरूरी है, तभी इस पूरे क्षेत्र में शांति, स्थिरता, संपन्नता बनी रह पाएगी। रघवीर सिंह सोढा (जियो सिंध मूवमेंट, वल्ड सिंधी कांग्रेस भारत) ने आखिर में अपने संबोधन में कहा कि भारत को पाकिस्तान पर पूरी तरह अंकुश लगाना चाहिए। पाकिस्तान का अस्तित्व तभी तक है, जब तक पाक सेना है। पाकिस्तान कोई देश नहीं है, वहां केवल फौज है। पाक सेना ही सभी तरह के जुल्म व अत्याचार करती है। इसलिए दुनिया के देशों को पाकिस्तान को कोई दर्जा देना ही नहीं चाहिए। सिंधु देश आजादी का हमारा संघर्ष अब काफी तेज हो चुका है और बहुत जल्द हमारा यह आजादी का आंदोलन सफल होगा।
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