पटना : पटना जिले के 14 स्कूलों की मान्यता को जिला शिक्षा कार्यालय समाप्त करने की तैयारी कर रहा है. इन स्कूलों में कितने छात्र पढ़ते हैं. स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है. एटेंडेंस की क्या स्थिति है. स्कूल हर दिन चलता है कि नहीं. इनमें से किसी बात की जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय को नहीं है. इन स्कूलों से कई बार जानकारी मांगी भी गयी. लेकिन स्कूल कोई भी जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध नहीं करवाते. अभी हाल में इन स्कूलों से 75 फीसदी छात्रों के एटेंडेंस की जानकारी मांगी गयी. तो स्कूल यह जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवा पाये. इसको देखते हुए जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों से कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था. इसका भी जवाब स्कूलों ने नहीं दिया. अब अंतिम बार इन स्कूलों को नोटिस भेजा गया है.
बिहार बोर्ड से मान्यता खत्म करने की अनुशंसा : इन स्कूलों को जिला शिक्षा कार्यालय के ज्ञापांक संख्या 2370 के तहत 17 नवंबर को नोटिस भेजा गया था. इसमें सरकार की साइकिल योजना, पोशाक योजना और बालिका स्वास्थ्य योजना के लाभ के लिए 75 फीसदी छात्र और छात्राओं के एटेंडेंस देने को कहा गया था. लेकिन स्कूल ने कोई जानकारी नहीं दी. 10 दिन के बाद स्कूल को अंतिम नोटिस 28 नवंबर को भेजा गयी है. अब इन तमाम स्कूलों की मान्यता को समाप्त करने की अनुशंसा जिला शिक्षा कार्यालय बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास भेजेगा.
कागज पर चल रहे स्कूल
जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार अनुदानवाले ये स्कूल बस कागज पर चलते हैं. स्कूल का भवन तो है, लेकिन स्कूल में कितने छात्र पढ़ते हैं. इसकी जानकारी स्कूल से मांगने पर स्कूल नहीं देता है. जब 75 फीसदी एटेंडेंस का मामला आया, तो बार-बार कहने के बावजूद स्कूलों ने कोई जानकारी नहीं दी. इन स्कूलों में छात्रों की संख्या केवल कागजों पर ही रहती है.
इन पर खतरा
उच्च विद्यालय परियो अमरपुरा (पालीगंज), राम दयाल पांडेय बालिका उच्च विद्यालय (शंखपुरा), स्वामी विवेकानंद साइंटिफिक उच्च विद्यालय (पुरेंद्रपुर), बालिका उच्च विद्यालय बलदेव नगर (पोटाही), शहीद रामगोविंद सिंह उच्च विद्यालय (दशरथा, अनिसाबाद), विष्णुदेव प्रसाद उच्च विद्यालय (देवनगर), अनुरागो देवी अंबिका सिंह उच्च विद्यालय (व्यापुर, मनेर), गौतम बुद्ध उच्च विद्यालय (पोआवां), रामचरित्र सिंह उच्च विद्यालय (थुंबापर), राजकुमार सिंह कन्या उच्च विद्यालय (पटना सिटी), यमुना स्मारक उच्च विद्यालय (मलिकाना, मसौढ़ी), संत गांधी आवासी उच्च विद्यालय (शेखपुरा), संजय गांधी बालिका उच्च विद्यालय (लोहियानगर), वीणा बालिका उच्च विद्यालय (रामनगर)
स्कूल में होती पढ़ाई तो आते छात्र, पूरा होता 75 फीसदी एटेंडेंस
पटना : स्कूल में एटेंडेंस पूरा नहीं होने के कारण इस बार पटना जिले के एक लाख छात्र और छात्राओं को साइकिल योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा. जिला शिक्षा कार्यालय की मानें तो इस बार नौवीं में 2.50 लाख छात्रों में से 1.63 लाख छात्र-छात्राओं का ही एटेंडेंस पूरा हुआ है. करीब एक लाख छात्र और छात्राओं का एटेंडेंस पूरा नहीं हो पाया है. जिन छात्र-छात्राओं का एटेंडेंस पूरा नहीं हुआ है, उन्हें साइकिल योजना और किशोरी स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा. मालूम हो कि साइकिल योजना का लाभ नौवीं में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को मिलता है. वहीं, किशोरी स्वास्थ्य योजना का लाभ नौवीं से 12वीं तक की छात्राओं को मिलता है.
एटेंडेंस पूरा करने को चलाया गया था जागरूकता अभियान : जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों में एटेंडेंस पूरा करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया था. स्कूलों पर दबाव डाला गया था कि वो छात्राें की उपस्थिति अधिक से अधिक सुनिश्चित कराने के लिए स्कूलों का निरीक्षण करें. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से इसके लिए पदाधिकारियों की टीम बनायी गयी थी. यह टीम हर दिन स्कूलों का निरीक्षण कर प्राचार्य को छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश देती थी.
लंच के बाद गायब हो जाते हैं छात्र : जिला शिक्षा कार्यालय के पदाधिकारियों के बीच स्कूल बांट दिये गये थे. सुबह स्कूल खुलने के बाद और लंच के बाद स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति की जांच होती थी. जांच में पाया गया था कि सुबह तो छात्र स्कूल में नजर भी आते हैं, लेकिन लंच के बाद अधिकतर छात्र स्कूल से गायब हो जाते हैं. छात्रों की उपस्थित रजिस्टर को जिला शिक्षा कार्यालय हर दिन स्कूलों से मंगवाता था. इसमें जिन स्कूलों में उपस्थिति कम होती थी, उन स्कूलों को उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया था.
जिन छात्र और छात्राओं का 75 फीसदी एटेंडेंस है, उन्हीं की सूची स्कूलों से मांगी गयी थी. हर स्कूलों 40 से 50 फीसदी छात्रों का ही 75 फीसदी एटेंडेंस पूरा हो पाया है.
विभा कुमारी, डीपीओ, जिला शिक्षा कार्यालय