नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि उसकी 1000 रुपए के नए नोट को लाने की योजना नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि 1000 रुपया का नया नोट नहीं लाया जाएगा। सरकार की 1 हजार रुपये का नया नोट लाने की कोई योजना नहीं है। पहले यह खबरें आई थी कि सरकार पुराने 1 हजार नोट के बदले नया एक हजार का नोट बाजार में ला सकती है।
जेटली ने कहा कि आज से देशभर में 22,500 एटीएम अपग्रेड हो जाएंगे जिससे लोगों को नगदी निकालने में काफी सहूलियत होगी। जेटली ने कहा कि उन्होंने आज देखा कि एटीएम पर पहले के मुकाबले भीड़ काफी कम हुई है। उन्होंने कहा कि देशभर में 500 और 1000 रुपये के नोटबंदी की जो घोषणा हुई है उसके बाद हालात जल्द ही सामान्य हो जाएंगे।
गौर हो कि देशभर में 8 नवंबर की रात से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य हो चुके है। इन नोटों को बैंकों और डाकघरों में नए नोट से बदले जाने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर है। बाजार में 2000 और 500 रुपए का नया नोट आ चुका है। जबकि एक हजार रुपए का नोट बाजार में अवैध घोषित किया जा चुका है।
इस बीच गुरुवार को केंद्र सरकार ने नोटबंदी को लेकर कुछ नए नियमों की घोषण की है जिसमें बंद किए गए 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को बदलने की सीमा को 4500 रुपये से घटाकर 2000 रुपये कर दिया है। यह व्यवस्था कल यानी 18 नवंबर से प्रभावी होगी। अन्य नियमों में सरकार ने शादियों के जारी मौसम को देखते हुए दूल्हा, दुल्हन या उनके माता-पिता को बैंक खाते से ढाई लाख रुपये तक नकदी निकासी की अनुमति दी है।
साथ ही सरकार ने खेती किसानी के क्षेत्र में नकदी की समस्या को देखते हुये किसानों और छोटे व्यापारियों को बैंकों से नकदी निकालने में कुछ राहत दी है। किसान और छोटे व्यापारी अब बैंकों से सप्ताह में 50,000 रुपये तक की नकदी निकाल सकेंगे। सरकार ने किसानों को उनके बैंक खाते में पहुंचे फसली रिण से हर सप्ताह 25,000 रुपये तक निकालने की अनुमति देने का फैसला किया है। यह सीमा किसान क्रेडिट कार्ड पर भी लागू होगी। इसके अलावा यदि किसानों को चेक अथवा आरटीजीएसी के जरिये उनके बैंक खाते में भुगतान मिलता है तो वह प्रति सप्ताह 25,000 रुपये तक की अतिरिक्त राशि निकाल सकेंगे।