लखनऊ : बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित काल्विन तालुकेदार्स कालेज परिसर में बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हुँकार रैली आयोजित की गई। इस दौरान वक्ताओं ने प्रदेश सरकार पर अनेक तरह के आरोप लगाते हुए वक्ताओं ने जरूरत पड़ने पर सत्ता परिवर्तन में संगठन की सहभागिता को स्वीकार किया। शिक्षा की गुणवत्ता, सर्व सुलभता और सर्वव्यपकता पर जोर देने वाली शिक्षा नीति की बात उठाई।
परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आम्बेकर ने कहा कि प्रदेश के काने-कोने से आने वाले छात्रों को रोकने के लिए प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। आयोजन स्थल से 10 किमी दूर बसे खड़ी करायी गईं। कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया। बावजूद इसके कार्यकर्ताओं के उत्साह में कोई कमीं नहीं है। जरूरत पड़ी तो हम शिक्षा नीति के साथ-साथ सत्ता परिवर्तन का भी प्रयास करेगें।
उन्होंने कहा कि एबीवीपी हुंकार से देश में परिवर्तन आयेगा। यह रैली यूपी में भ्रष्टाचार और बाजारवाद का शिकार हो चुकी शिक्षा के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक है। इस सर्जिकल स्ट्राइक से यूपी में बदलाव की शुरूआत होगी। छात्र अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक हंुक्कार भरेगें। यह रैली विद्यार्थियों के लिए अनुकूल महौल तैयार करेगी। विद्यार्थी शिक्षित और मानसिक रूप से सशक्त होगें। भारत महाशक्ति बनेगा। विद्यार्थियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और समाज में एकरुपता दिखेगी।
श्री आम्बेकर ने नोटबंदी पर बोलते हुए कहा कि 500 और हजार के नोटों को हटाने का फैसला परिवर्तन के लहर की शुरुआत है। उन्होंने संकेतों में कहा कि जिस तरह कालेधन के खिलाफ लिए गये इस कड़े फैसले से आमजन थोड़ी दिक्कत में है, वैसे ही नई शिक्षा नीति आने से थोड़ी दिक्कते हो सकती है,लेकिन यह नौजवानों को रोजगार दिलाने वाली होंगी।
उत्तर प्रदेश में छात्र शक्ति की भूमिका बड़ी है, लेकिन यहाँ तो एससी-एसटी के छात्र और छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति के पैसों को भ्रष्टाचारी दूसरे कार्यो में लगा लेते हैं। यह गलत है। जो लोग पिछड़ी जातियो के आधार पर राजनीति करते हैं, लेकिन छात्रों को पता है कि न्याय कहाँ से मिलेगा। छात्र हितों के लिए छात्रों ने यहाँ हुंक्कर भरी है। यह हितकर होने वाली है। अब उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति की जरुरत है। नई पीढ़ी के लिए नई शिक्षा नीति संजीवनी साबित हो इसका प्रयास होना चाहिए।
राष्ट्रीय महामंत्री विनय बिद्रे ने कहा कि यूपी के विकास का दावा पिछले कई वर्षों से हो रहा है, लेकिन शिक्षा समेत तमाम क्षेत्रो में कोई विकास नहीं हुआ। यूपी में न तो पर्याप्त शिक्षण संस्थान हैं और न ही नौजवानों की पढ़ाई के प्रबंध। लेकिन अब एबीवीपी ने छात्रों के हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत काम करना होगा। शिक्षण संस्थाओं की स्थापना, उनमे गुणावत्तापूर्ण शिक्षा, सुलभ शिक्षा आदि करना होगा। प्रदेश सरकार इस ओर ध्यान दे। नहीं तो एबीवीपी का कार्यकर्र्ता इंट से ईंट बजा देगे।
एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा कि जब छात्र बदलते हैं तो इतिहास बदल जाता है। अब छात्रों में बदलाव जारी है। इतिहास बदलने के संकेत मिलने लगे हैं। यूपी का इतिहास बदलेगा। छात्रशक्ति ने हुंकार भर दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी ने इसकी शुरुआत कर दी है। अगर इस रैली से सत्ता परिवर्तन संभव हुआ तो हम वह भी करेगे।
उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ एबीवीपी कार्यकर्ता ही आवाज उठता है। एबीवीपी समता स्थापित करने नहीं, समाज बदलने को निकाला है। इस हुंक्कर रैली से अगर सत्ता परिवर्तन करना पड़े तो सत्ता परिवर्तन भी होगा। विद्यार्थी परिषद यूपी में सरकार बदलने का काम भी करेगी।
उन्होंने कहा कि चुनावी एजेंडे में भी शिक्षा नीति को शामिल किया जाना चाहिए। एक स्वच्छ और वैचारिक रुपरेखा सामने आना चाहिए। यह रैली यूपी के एक एक शहर में शिक्षा के प्रति अलख जगायेगा।
श्रीनिवास ने कहा कि सरकार अगर इस ओर ध्यान नहीं देंगी तो आने वाले समय में प्रदेश का युवा सुदर्शन चक्र उठाना जनता है। युवाओ के शिक्षा का अधिकार की लड़ाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है। यह युवाओ की ताकत का ही असर है कि राजनेताओं को देशहित में निर्णय लेने की बाध्यता हो गयी है। युवा अपनी ताकत को पहचान चुका है, हर तरह के बदलाओं का प्रयास करना चाहते हैं।
क्षेत्रीय संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि छात्रों को बेरोजगारी भत्ता नहीं रोजगार चाहिए। एबीवीपी ने सरकार से हमेशा ही शिक्षा के बाजारीकरण को बंद करने की मांग की है। लेकिन किसी भी सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया। भगवान राम और कृष्ण की इस धरती पर युवाओं के खिलाफ होने वाले अन्याय को बंद करना होगा। इन्हें बेरोजगारी भत्ता नहीं, रोजगार देना होगा।
उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री से मिलकर छात्र समस्याओं के निराकरण की मांग करेंगे। शिक्षा के बाजारीकरण और इसमें व्याप्त कठिनाईयों को दूर करने का प्रयास करे। नौजवानों को अच्छी शिक्षा का अधिकार है। यह एबीवीपी ने संकल्प लिया है कि हर नौजवान को गुणावत्तापूर्ण और सर्वसुलभ शिक्षा मिलने तक संघर्ष करता रहेगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन जरुरी है। जब तक हम ऐसा नहीं करेगे, तब तक छात्रों का हित संभव नहीं है।
उन्होंने ने कहा कि अब छात्र शक्ति को जगाना होगा। एबीवीपी ने यह बीणा उठाया है। इसे हम सबको मिलकर परवान चढ़ाना होगा।
तनुश्री ब्रजप्रान्त ने कहा कि शिक्षा से ही महिलाओं के सम्मान बढेगा। लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होलकर आदि ने भी शिक्षा ग्रहण करने के बाद ही समाज के लिए कुछ किया था। इसलिए लड़कियां खुद में विश्वास पैदा करें, अन्यथा महिला सशक्तिकरण कोरी कल्पना ही रहा जाएगी। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय सम्पर्क प्रमुख सनील वाष्र्णेय ने किया।