पटना : बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित के खलीलपुरा में बुधवार को एफसीआई लिंक रोड के स्कूल से घर जाने के लिए निकले पांच साल को मासूम छात्र को बेलगाम ट्रैक्टर ने कुचल दिया, जिससे बच्चे की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. हादसे के बाद स्थानीय निवासी भड़क गये और ट्रैक्टर चालक को बंधक बना कर जम कर पिटाई की. सूचना मिलते ही स्थानीय थानेदार मुस्तफा कमाल कैसर दल-बल के साथ पहुंचे और आक्रोशित लोगों की भीड़ से चालक को बचा कर थाने ले जाने लगे, जिसका लोगों ने विरोध करते हुए पुलिस जीप घेर लिया और घंटों हंगामा करते रहे. लोग मृतक के परिजनों को ट्रैक्टर मालिक से मुआवजा और चालक को सजा दिलाने की मांग पर अड़े थे. मृतक छात्र अंकुश आरके नगर मोड़ , एफसीआइ रोड निवासी फूलचंद ठेकेदार के तीन बेटों में दूसरे नंबर का था. मृतक की शिनाख्त होते ही परिजन चीत्कार करते हुए घटनास्थल की ओर दौड़े. लोगों ने भीड़-भाड़वाले मोहल्ले के व्यस्ततम मार्ग में ट्रैक्टर की तेज रफ्तार पर लगाम लगाने की मांग कर रहे थे.
अंकुश ज्ञान शिशु विद्यालय का छात्र था. स्कूल से छुट्टी के बाद वह घर जाने के लिए जैसे ही निकला कि चंद कदम की दूरी बेलगाम ट्रैक्टर ने उसे कुचल दिया. क्लास वन में पढ़नेवाले मासूम को क्या पता था कि स्कूल की छुट्टी के बाद उसे मां के आंचल के बजाय कफन में लिपटना पड़ेगा. स्कूल से छुट्टी के बाद उल्लास भरे कोलाहल के बीच मासूम बच्चे की दुर्घटना में दर्दनाक मौत देख अन्य स्कूली बच्चों में कोहराम मच गया. स्कूली बच्चे शोर मचाते हुई वापस अपने स्कूल की ओर भागे. स्कूली छात्रों में दहशत और खौफ का आलम यह था कि उनके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी.
मोहल्ले में तेज रफ्तार ट्रैक्टर से मासूम बच्चे को कुचला देख मुहल्लेवालों का गुस्सा ट्रैक्टरचालक पर फूट पड़ा. आक्रोशित लोग ट्रैक्टरचालक को बंधक बना कर जम कर पिटाई करने लगे. सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में करके पोस्टमार्टम के लिए भेजा और आक्रोशित भीड़ से ट्रैक्टरचालक को छुड़ा कर पुलिस जीप में बैठाया. पांच साल के बच्चे की मौत से उग्र भीड़ बेकाबू होकर पुलिस जीप को घेर कर चालक को अपने कब्जे में करने की कोशिश करने लगी.
लोग ट्रैक्टरचालक को थाने ले जाने का विरोध करते हुए पुलिस से उलझ पड़े और अपने हवाले करने की मांग करते रहे. आक्रोशित भीड़ खुद ही सजा देने पर उतारू थी. थानेदार मुस्तफा कमाल कैसर सहित कई पुलिसवाले आक्रोशित भीड़ को समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन भीड़ मानने को तैयार नहीं हो रही थी. करीब दो घंटे बाद लोगों को समझाने में पुलिस कामयाब हुई. पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने के आश्वासन देने के बाद लोग माने. इसके बाद पुलिस ट्रैक्टरचालक राजू को थाने ले जा सकी.
इधर, घटना के बाद घंटों अन्य बच्चों को स्कूल में रोक कर रखा गया और उनके अभिभावकों के आने के बाद ही उन्हें घर जाने दिया गया. आक्रोशित भीड़ इस बात से भी नाराज थी कि स्कूल से छुट्टी के बाद बच्चों को शिक्षक की निगरानी में सड़क पार कराना चाहिए. इस घटना के लिए लोग स्कूल ज्ञान शिशु विद्यालय की लापरवाही बता रहे थे .
अंकुश की मां मालती देवी से काफी देर तक लोगों ने यह बात छिपाए रखी कि उनके लाडले की मौत हो गयी है. उसे यही बताया जा रहा था की उनके बेटे को चोटें आयी हैं, उसे अस्पताल भेजा गया है. इधर, बच्चे की मौत के बाद उसके पिता फूलचंद ठेकेदार बेसुध हो गये. अंकुश के दो अन्य भाइयों का भी रो-रो कर हाल बेहाल था. मुहल्ले की महिलाएं काफी आक्रोशित थीं, इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह में इतना तेज ट्रैक्टर क्यों चलाने दिया जाता है. थानेदार मुस्तफा कमाल कैसर ने बताया कि ट्रैक्टर मालिक से मुआवजा दिलाया जायेगा. चालक राजू को हिरासत में लेकर ट्रैक्टर जब्त कर लिया गया है.