सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक से कहा कि वह उन 39 फ्लैट खरीदारों के ब्याज का भुगतान करे, जिन्होंने वायदे के अनुसार फ्लैट न मिलने पर कंपनी से अपने पैसे वापस मांगे हैं. खरीदारों ने हरियाणा के गुरुग्राम में यूनिटेक के विस्टास प्रोजेक्ट में फ्लैटों की बुकिंग कराई थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा है कि बिल्डर को 15 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट में जमा करने को कहा है इसके बाद ही केस की आगे सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट में गुड़गांव विस्टा प्रोजेक्ट की सुनवाई हो रही थी। बिल्डर ने अब तक इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया और 34 ग्राहकों ने अपना पैसा वापस मांगा है। 5 करोड़ अगले दो हफ्ते में जमा करना है। इससे पहले हुई सुनवाई में यूनिटेक ने कहा था कि उसके पास निवेशकों को वापस देने के लिए पैसे नहीं हैं। कोर्ट में यूनिटेक के वकील ए एम सिंघवी ने कहा था कि अगर बिल्डर के पास पैसा होता तो वह फ्लैट बनाकर ही दे देती।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस मोहन एम. शांतानागौदार की बैंच ने बिल्डर को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 14 फीसदी की दर से ब्याज जमा कराने के लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया.कोर्ट ने यह भी कहा कि ब्याज की गणना एक जनवरी, 2010 से लेकर यूनिटेक की ओर से मूलधन जमा कराने की अवधि तक के लिए की जाएगी.
कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्री में जमा की गई ब्याज की 90 फीसदी रकम 39 खरीदारों में बांटी जाएगी, जिन्होंने फ्लैट न लेने का विकल्प चुना है.