नयी दिल्ली : डेबिट, क्रेडिट कार्ड अथवा ऐसे ही किसी अन्य डिजिटल तरीके से आप यदि पेट्रोल, डीजल खरीदते हैं, बीमा पॉलिसी का भुगतान करते हैं या फिर रेलवे टिकट लेते हैं तो आपको कुछ छूट दी जायेगी. सरकार ने 2,000 रुपये तक का भुगतान कार्ड के जरिये करने पर सेवाकर समाप्त कर दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नकदीरहित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को कई प्रकार की खरीद फरोखत में डिजिटल भुगतान करने पर रियायत और सेवा कर में छूट के सरकार के 11 निर्णयों के बारे में जानकारी दी. सरकार ने कालेधन को निकाल बाहर करने के लिये 500 और 1,000 रुपये का पुराना नोट बंद कर दिया जिसके बाद अर्थव्यवस्था में नकदी की भारी तंगी आ गयी है. इस स्थिति से निबटने के लिए सरकार डिजिटल भुगतान को तेजी से बढ़ावा दे रही है. जेटली ने कहा, ‘हम लोग जरूरत से ज्यादा लेनदेन नकदी में करते रहे हैं. आठ नवंबर की स्थिति के मुताबिक बहुत ही कम भुगतान डिजिटल तरीके से किया जाता रहा है.’ उन्होंने कहा कि नकदी में लेनदेन पर लागत आती है, जिसकी कीमत अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है.’
वित्त मंत्री ने कहा कि 2,000 रुपये से कम के लेनदेन पर सेवाकर छूट देने का राजस्व पर असर पडेगा क्योंकि वर्तमान में 70 प्रतिशत से अधिक लेनदेन इससे कम राशि में ही होता है. निजी क्षेत्र की सेवाओं में भी रियायत दी जायेगी के सवाल पर जेटली ने कहा, ‘यह सार्वजनिक उपक्रमों ने निर्णय लिया है. निजी क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा के इस दौर पर खुद फैसला लेना है. वह महंगा पेट्रोल, डीजल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं.’ जेटली ने कहा कि देश भर में पेट्रोल पंपों पर करीब साढ़े चार करोड ग्राहक 1,800 करोड रपए के डीजल पेट्रोल की खरीद करते हैं. इसका केवल 20 प्रतिशत भुगतान कार्ड से किया जाता था. पिछले एक महीने में डिजिटल भुगतान का अनुपात बढ़ कर 40 प्रतिशत हो गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि पेट्रोल पंपों पर कार्ड या इ-वालेट से होने वाला भुगतान 70 प्रतिशत तक पहुंच जाए. इससे वर्ष में नकद भुगतान में दो लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी.जेटली ने कहा कि नाबार्ड पात्र बैंकों को 10-10 हजार से कम की आबादी वाले एक लाख गांवों में दो – दो पीओएस मशीनों की सुविधा का विस्तार करने के लिए वित्तीय मदद देगा. ये मशीनें प्राथमिक सहकारी समितियों, दुग्ध समितियों, कृषि साधन बिक्रेताओं को दी जाएंगी ताकि उनके माध्यम से खेती से संबंधित लेन देन किया जा सके. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने डिजिटल भुगतान के प्रोत्साहन के इन निर्णयों को पास पलटने वाली पहल बताया.