नयी दिल्ली. शहाबुद्दीन से जुड़े मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने में उसे कोई आपत्ति नहीं है. बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश अमिताव राय के पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने कहा कि गवाहों और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर शहाबुद्दीन को सीवान जेल से तिहाड़ जेल भेजना जरूरी है. बिहार सरकार ने भी सीबीआइ के रुख से सहमति जाहिर की, कहा-वह पहले ही शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने के पक्ष में है. हालांकि, बिहार सरकार की ओर से पीठ से कहा गया कि शहाबुद्दीन के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई के तरीके पर भी फैसला करना चाहिए.
शहाबुद्दीन के खिलाफ चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटे की हत्या के मामले की जांच सीबीआइ से कराने, उन्हें दिल्ली की जेल में ट्रांसफर करने की मांग के साथ-साथ शहाबुद्दीन पर बिहार की अदालतों में चल रहे विभिन्न मुकदमों के गवाहों की सुरक्षा से संबंधित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सोमवार को टिप्पणी की थी कि आपराधिक मामलों में निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए और यह मामला गवाहों की सुरक्षा, निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांत पर विचार के लिए एक टेस्ट केस की तरह है.
सीबीआइ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीके डे और पी नरसिम्हन ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक सीलबंद लिफाफे में पेश की और कहा कि सीबीआइ को शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है.