पटना : बिहार में प्रतिपक्ष के नेता सुशील मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है. सुशील मोदी ने नीतीश को उनके किए पुराने वादों की याद दिलाते हुए कहा है कि नीतीश कुमार को अपनी यात्रा के दौरान पिछले 10 वर्षों में जिलों में किए गए वायदों, शिलान्यास, घोषणाओं की भी समीक्षा करनी चाहिए थी ताकि पता चल सके कि आखिर उन शिलालेखों, घोषणाओं के क्रियान्वयन का क्या हश्र है जिसे मुख्यमंत्री ने अपनी पिछली 9 यात्राओं या अन्य सरकारी दौरो में की थी. नए निश्चयों की समीक्षा तो होगी परन्तु पुराने निश्चयों का क्या होगा ? सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से पूछा है कि हर बार बगहा से यात्रा प्रारम्भ करते वाले मुख्यमंत्री क्या थारूओं को किए गए अधूरे वायदों के डर से बेतिया से यात्रा प्रारम्भ कर रहे हैं? थारू बहुल हरनाटाँढ़ में आई0टी0आई0, प्रत्येक थारू परिवार को सोलर लैम्प, आदिवासी लड़के-लड़कियों के लिए 10 आवासीय विद्यालय, बगहा में पाॅलिटेक्निक, डिग्री काॅलेज, स्टेडियम, आदिवासी महिलाओं के लिए स्वाभिमान बटालियन जैसे वायदों को मुख्यमंत्री भूल गए है. मुख्यमंत्री भले ही पुराने वायदों को भूल जाएं, लेकिन भाजपा उन्हें पुराने वायदों को याद कराती रहेगी. इतना ही नहीं मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि ‘कृषि रोड मैप’, ‘मिशन मानव विकास’ को क्यों भूल गए? ‘हर भारतीय की थाली में एक बिहारी व्यंजन’, ’बिहारी कहना शर्म नहीं गर्व की बात’, ‘बिहार के किसी कोने से 5 घंटे में पहुँचने’ केवल जुमला है या जमीन पर भी उतरेगा ‘थरूहट विकास प्राधिकार’, ‘महादलित विकास मिशन का क्या हुआ?